मेरठ 09 जनवरी (प्र)। आज अचानक पहुंची नगर निगम की टीम ने आरएम ऑफिस के प्रवेश द्वार पर सील लगा दी। यह कार्यवाही करीब 20 करोड रुपए के टैक्स की वसूली को लेकर की गई है। उस समय आरएम ऑफिस के अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अपने अपने पटल पर कार्य कर रहे थे। नगर निगम की टीम ने सीलिंग की कार्यवाही के दौरान स्टाफ को सूचित करके उन्हें बाहर निकालने तक की ज़रूरत महसूस नहीं की।इस कार्यवाही से परिवहन निगम में हड़कंप मच गया है। एसएम लोकेश राजपूत ने आयुक्त से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक को अवगत करा दिया है।
जानकारी के अनुसार आज सुबह नगर निगम के अधिकारियों की टीम आरएम कार्यालय पहुंची। जिन्होंने कार्यालय के प्रवेश द्वार पर सीलिंग की कार्यवाही शुरू कर दी। यह कार्यवाही आज सुबह उस समय की गई जब कार्यालय का ज्यादातर स्टाफ अपनी ड्यूटी पर मौजूद था। इसी दौरान नगर निगम की टीम आई और प्रवेश द्वार पर सील लगाने का काम करके चुपचाप निकल गई। आरएम ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि सीलिंग की कार्यवाही के संबंध में नगर निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया। उन्हें यह तक मालूम नहीं है कि यह सील किस आधार पर लगाई गई है।
जिस समय सीलिंग की यह कार्रवाई की गई उसे दौरान आरएम कार्यालय में तैनात करीब 40 अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। लेकिन नगर निगम की टीम में इन अधिकारियों कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकलने का भी कोई उपक्रम नहीं किया। समाचार भेजे जाने तक स्थिति यह है कि सभी अधिकारी कर्मचारी आम कार्यालय में लगी सीलिंग के कारण कैद होकर रह गए हैं। इस संबंध में लखनऊ मुख्यालय पर बात की जा रही है।
कर अधिकारी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि 2011 से लेकर अब तक आरएम ऑफिस से कोई टैक्स जमा नहीं किया गया है। यह राशि करीब 20 करोड़ रुपये में हो चुकी है। जिसके संबंध में कई बार पत्राचार किया जा चुका है। कुर्की तक के नोटिस आम कार्यालय में भेजी जा चुके हैं। लेकिन आम कार्यालय की ओर से इस संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है। जिसको लेकर उच्च अधिकारियों के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है। कर जमाना न होने की स्थिति में अब कार्यालय कुर्क करके नीलामी की कार्यवाही की जाएगी।