मेरठ 13 जनवरी (प्र)। नव वर्ष की पहली बोर्ड बैठक में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने विभिन्न उपहारों के साथ खुशखबर दी है। मेडा की अध्यक्ष व मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में मेडा के सभी 13 एसटीपी को नगर निगम को हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है। अब निगम को सिर्फ विकल्प का चयन करना है।
वहीं, प्रदेश सरकार ने पार्किंग रखने वालों के लिए एक अतिरिक्त मंजिल देने का प्रविधान भवन उपविधि में संशोधन से किया है, उस प्रविधान को मेडा ने अंगीकृत कर लिया। वहीं, एलआइजी यानी अल्प आय वर्ग और ईडब्ल्यूएस यानी दुर्बल आय वर्ग के लिए 12 कालोनियों में एक हजार प्लाट काटने का निर्णय हुआ है। साथ ही वेदव्यासपुरी के सेक्टर चार स्थित अंसल टाउन के 400 आवंटियों को रजिस्ट्री हो सकेगी।
तय हुआ कि आडिट से संबंधित शुल्क आवंटी से लिया जाएगा। मेडा उपाध्यक्ष ने बताया कि एसटीपी के लिए सर्वे के बाद जल निगम ने 19.09 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है। अब नगर निगम को यह तय करना है कि वह धनराशि लेकर स्वयं कार्य कराएगा या फिर मेडा कार्य कराने के बाद हस्तांतरित करे।
वहीं, हाल ही में लैंड मोनेटाइजेशन सर्वे कराया गया था। प्राधिकरण की 12 कालोनियों में 120 हेक्टेयर भूमि ऐसी मिली है जिसका आवंटन अब तक नहीं हो सका है। ऐसे में अब लेआउट संशोधित करते हुए उन्हें आवासीय प्लाट कर दिया जाएगा। इनमें 120 वर्ग मीटर तक के लगभग एक हजार प्लाट विकसित हो जाएंगे। इसकी प्रक्रिया नीलामी या लकी ड्रा से होगी इस पर निर्णय जल्द लिया जाएगा।
इंटीग्रेटेड टाउनशिप
खरीद दर और धारा-चार को स्वीकृति मोहिउद्दीनपुर व अन्य तीन गांवों की 300 हेक्टेयर भूमि खरीद कर इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप विकसित की जाएगी। प्रदेश सरकार से 200 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, भूमि को सर्किल रेट से चार गुणा मुआवजा देने का प्रविधान पर सहमति बनी। भूमि खरीद बैनामा से होगी। फिर भी धारा-चार लागू की जाएगी। यदि कोई बैनामा को नहीं तैयार होगा तो उससे अधिग्रहण कानून के तहत भूमि ली जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा, मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय, सचिव चंद्रपाल तिवारी, अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह व संबंधित विभागों के अफसर उपस्थित रहे।