मेरठ 4 फरवरी – न्यू मोहनपुरी निवासियों में आज सुबह लगभग 10 बजे उस समय हलचल शुरू हो गयी जब ,यहां स्थित डिप्टी रजिस्ट्रार चित फंड कार्यालय से अचानक कर्मचारी समान निकल कर कहीं ले जाने के लिए गति शील नज़र आये ।
इस संदर्भ में मौखिक सूत्रों से प्राप्त विवरण के अनुसार पता चला कि यह कार्यालय यहां से सारे काजी शास्त्रीनगर क्षेत्र में ले जया जा रहा है
अचानचक बिना सोसायटी संचालकों आदि को कोई सूचना दिए ,यह कार्यालय इस्थानान्तरण क्यों किया जा रहा है यह तो कार्यालय के अदजीकारी और कर्मचारी ही जान सकते है
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा हर व्यक्ति को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने तथा उसका कार्य ,आसानी से और उसकी पहुंच में सम्पन्न कराने की भावना के विपरीत यह कार्यालय वहां क्यों ले जाया जा रहा है ,यह चर्चा का विषय है
<span;>क्योंकि कई इन जी ओ व सोसाईटी संचालकों के कहना है कि यहां इस कार्यालय के लिए प्राप्त स्थान था और आने वाले लोगों के वाहन खड़े करने की भी पूर्ण व्यवस्था थी ,तो फिर ऐसा क्यों इस संदर्भ मे आस पास रहने वाले एक नागरिक का कहना था कि यहां ऑनलाइन सब काम हो जाने के बाद भी सोसाइटी रजिस्टर्ड व रिन्यूअल करने में विभिन्न कमियां दर्शाकर की जाने वाली देरी और लापरवाही की शिकायतें होने पर राजनीतिक दलो के नेता और कार्यकर्ता व समाजसेवी संगठनों के लोग तुरंत पहुंच जाते थे ,जिस वजह से होनेवाले भ्रस्टाचार की संभावनाएं कमजोर हो जाती थी पिछले कुछ महा पूर्व भाजपा के महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी और केंट विधायक अमित अग्रवाल सूत्रों के अनुसार यहां पहुंच गए थे तथा लापरवाही और भ्रस्टाचार को लेकर विरोध जताने के साथ ही मौजूद कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार को बदनाम करने के आरोप भी लगाए गए थे ।
इस गोपनीय रूप से हो रहे स्थानान्तरण की सूचना अगर सही है तो मंडल के कई जिलों से अपनी संस्था रजिस्टर्ड व रिन्यूवल कराने आने वालों का खर्च बढ़ेगा तथा यहां आसपास रहने वाले कुछ लोगो व अन्यो द्वारा कम्प्यूटर आदि लगाकर रोटी कमाने का काम किया जा रहा था वो भी प्रभावित होंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी ,इसलिए जनप्रतिनिधियों और खासकर राज्यसभा सदस्य डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ,संसद राजेन्द्र अग्रवाल , व केंट विद्याक अमित अग्रवाल को इस संदर्भ में शासं की नीति लागू करवाने और जनहित में इस और धनियां देना चाहिए ,ऐसा नागरिकों का मानना है ।