Monday, December 23

पदमश्री मोगिलैया को दिए गए सम्मान का आदर भी करे सरकार, केरल के सीएम दें ध्यान: उन्हें हर माह दिया 50 हजार का सहयोग

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दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 06 मई। तेलंगाना के दुर्लभ संगीत वाद्य यंत्र बजाने और उसका आविष्कार करने वाले 73 वर्षीय कलाकार दर्शनम मोगिलैया को दो साल पहले सरकार ने उनकी उपलब्धियों के लिए पदम श्री से नवाजा था तथा केरल सरकार ने उन्हें एक करोड़ की राशि देकर सम्मानित किया था। उन्हें दस हजार रूपये महीना की राशि मिल रही वो भी बंद है। उसके बावजूद पदमश्री मोगिलैया को दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इससे संबंध एक खबर के अनुसार दुर्लभ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट किन्नेरा का आविष्कार करने वाले पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में उन्हें हैदराबाद में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करते हुए देखा गया। 73 साल के दर्शनम को साल 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। दर्शनम ने कहा कि सरकार से मिलने वाले हर महीने 10 हजार रुपए बंद हो गए हैं। उनकी और उनके बेटे की दवाई का खर्च ही 7 हजार रुपए महीना है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने किन्नेरा बजाना छोड़ दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने भी उन्हें सम्मान के तौर पर 1 करोड़ रुपए दिए थे, जो उनके बच्चों की शादी और अन्य जरूरतों में खर्च हो गए। कुछ दिनों पहले उन्होंने हैदराबाद के बाहर एक प्लॉट खरीदा था। इस पर मकान बनाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन पैसे की कमी के कारण यह काम रोक दिया। 9 बच्चों के पिता दर्शनम की पत्नी का निधन 4 साल पहले हो गया था। दर्शनम ने कहा- उन्होंने काम के लिए कई लोगों से कॉन्टैक्ट किया। इस पर कुछ लोगों ने उनके प्रति हमदर्दी जताई। कुछ लोगों ने उन्हें कुछ पैसे भी उधार दिए थे। इन सब के बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी।
दर्शनम ने यह भी कहा है, कि मेरी और मेरे बेटे की तबीयत खराब रहती है। सिर्फ दवाओं के लिए मुझे 7 हजार रुपए हर महीने चाहिए होते हैं। इसके बाद मेडिकल टेस्ट का खर्चा अलग होता है। दर्शनम की आर्थिक स्थिति तब और खराब हो गई, जब सरकार से उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपए का मिलने वाला मानदेय बंद कर दिया गया। दर्शनम ने इसे लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे। सभी ने मदद करने का भरोसा दिया, लेकिन असल में कोई मदद नहीं की। भारतीय राष्ट्र समिति नेता केटी रामा राव ने दर्शनम की मदद करने की बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा- मैं दर्शनम की फैमिली का ध्यान रखूंगा। मेरी टीम उनके संपर्क में है।
वैसे तो एक करोड़ की राशि कम नहीं होती। और आम आदमी के दृष्टिकोण से देखें तो दस हजार रूपये अगर बंद ना होते तो परिवार चलाने के लिए कम भी नहीं है। मगर मोगिलैया के सामने जो संकट हैं उन्हें देखते हुए केरल सरकार को खासकर उनकी सहायता करने के साथ साथ केंद्र सरकार को लिखकर उनके और परिवार के मुफत इलाज की व्यवस्था करानी चाहिए। उनका जो मकान अधूरा रह गया है वो भी पूरा कराया जाए। दो बच्चों की शादी वो कर चुके हैं क्योंकि उन्हें पदमश्री से नवाजा गया है तो बाकी बच्चों की शादी समाज के सहयोग से आसानी से हो सकती है। मजदूरी चाहे खेत में की जाए या कहीं और काम करना बुरा नहीं है लेकिन जब सरकार ने उन्हंे इतना बड़ा सम्मान दिया है तो वो कायम रहे इसका ध्यान भी रखना होगा। और मुझे लगता है कि इसके लिए सरकार उन्हें दस हजार की जगह 50 हजार की सहायता राशि दे सकती है। और जिस जिले में वो रहते हैं वहां के डीएम को यह निर्देश दिया जा सकता है कि वो तहसीलदार और थानेदार को आदेश दें कि वो उनसे मिलकर उनकी कठिनाईयों का समाधान खोजें। इससे एक फायदा और होगा जब तहसीलदार और थानेदार मिलने आएंगे तो समाज के प्रमुख लोग भी सहयोग का हाथ बढ़ाने में पीछे नहीं रहेंगे। इसलिए मेरा मानना है कि केरल के सीएम इस ओर विशेष रूप से ध्यान दें।
प्रस्तुति: अंकित बिश्नोई
मजीठियां बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री

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