Friday, November 22

जाकिर कालोनी में बारिश से तीन मंजिला भवन जमींदोज, पांच बच्चों समेत 10 की मौत

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मेरठ 16 सितंबर (प्र)। कई दिनों से लगातार पड़ रही बारिश के दौरान बीते शनिवार को लोहिया नगर क्षेत्र में बड़ा हादसा हो गया। लगभग 50 साल पुराना तीन मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। एक ही परिवार के 15 लोग और दर्जनों मवेशी मलबे के नीचे दब गए। हादसे के बाद एडीजी से लेकर जिले के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। हादसे में अब तक पांच बच्चे, पांच महिलाएं समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि पांच का मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है।

जाकिर कॉलोनी गली नंबर सात में नफ्फो उर्फ नफीसा का 300 गज में तीन मंजिला मकान है। बताया गया है कि यह मकान लगभग 50 साल पुराना था। ग्राउंड फ्लोर पर नफ्फो के बेटे डेयरी चलाते थे। जबकि, ऊपर की दो मंजिलों पर नफ्फो के बेटे साजिद, उसकी पत्नी सायमा, नईम और उसकी पत्नी अलीशा, बेटी रिमशा, नदीम और उसकी पत्नी फरहाना, बेटा हमजा, शाकिर और उसकी पत्नी साहिबा समेत 15 लोग रहते थे।

क्षेत्रवासियों के मुताबिक शनिवार शाम करीब 4:30 बजे यह मकान अचानक भरभरा कर जमींदोज हो गया। तेज धमाके के साथ इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के बाद मौके पर भीड़ लग गई और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। जानकारी के बाद थाना पुलिस से लेकर एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर, आईजी नचिकेता झा, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा और एसएसपी विपिन ताडा सहित कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची।

पुलिस ने क्षेत्रवासियों की मदद से मलबे को हटाने का काम शुरू किया। संकरी गलियों के चलते जेसीबी और एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंच सकी। कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को रविवार सुबह तक निकाला गया। जबकि उसके बाद करीब 30 मवेशियों को निकालने का काम शुरू किया गया। इस हादसे में पांच बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

ये हैं मृतक
1. नफो उर्फ नफीसा (65) पत्नी अलाउद्दीन
2. साजिद (40) पुत्र अलाउद्दीन
3. साइमा (35) पत्नी साजिद
4. सानिया (15) पुत्री साजिद
5. शाकिब (12) पुत्र साजिद
6. रिया (10) पुत्री साजिद
7. फरहाना (27) पत्नी नदीम
8. अलीशा (25) पत्नी नईम
9. हिमसा (6 माह) पुत्री नईम
10. सैफियान (7) पुत्र पप्पू

ये हैं घायल
1. समरीन (4) पुत्री सरफराज
2. आलिया (8) पुत्री आबिद
3. साकिब (20) पुत्र अलाउद्दीन
4. नदीम (26) पुत्र अलाउद्दीन
5. नईम (22) पुत्र अलाउद्दीन

गलियां छोटी होने की वजह से जेसीबी नहीं जा सकी। उसके बाद आसपास के लोगों को एकत्र कर कटर से लिंटर को काटा गया। साथ ही दो छोटी जेसीबी बुलाकर मलबा हटाया गया।

बता दें, जाकिर कॉलोनी का जो तीन मंजिला मकान 11 लोगों का काल बन गया है. वहां कभी निचली मंजिल में दूध डेयरी संचालित थी. परिवार छोटा था, सबकुछ ठीक था, लेकिन परिवार बढ़ा तो दो मंजिलें और बना ली गईं. यहां नगर निगम के कायदे कानून को दरकिनार कर अवैध निर्माण किया गया. अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि इस मकान को बने हुए 50 साल हो चुके है. मकान की निचली मंजिल पर दूध की डेयरी चल रही थी. यह बात भी सामने आ चुकी है कि वर्षों से अवैध डेयरी का संचालन हो रहा था. इस डेयरी में 20 से ज्यादा भैंस, बकरियां, मुर्गे भी थे. घर की छत पर बकरियों को रखा गया था. घर के सभी मवेशियों के मल मूत्र निकासी के लिए कोई खास इंतजाम नहीं थे.

अपर नगर आयुक्त के अनुसार जांच में यह बात भी सामने आई है कि जानवरों का गोबर, गंदगी को सफाई करने के लिए हर दिन सैकड़ों लीटर पानी यहां बर्बाद होता था. घर के निचले हिस्से में सीलन और नमी बरकरार बनी रहती थी. अब जब तीन दिन से हर दिन मेघ बरस रहे थे तो दीवारें और भी कमजोर हो चुकी थीं. जिस वजह से घर की बुनियाद जो कि लगातार कमजोर हो रही थी वह धंस गई और दीवार के धंस जाने से दीवारें भी दरक गईं. नगर निगम ने छह महीने पहले मकान संचालक को नोटिस भी दिया था. अवैध डेयरी बंद करने का नोटिस परिवार को रिसीव कराया गया था. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि इस हादसे मे मृत पशुओं का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. दैवीय आपदा के तहत जो प्रावधान है उसके तहत सभी पशुओं की मौत का मुआवजा पीड़ित परिवार को दिलाया जाएगा.

फिलहाल तीन मंजिला मकान गिरने के मामले में हादसे मे मृतकों को चार चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा डीएम ने की है. मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा के अतिरिक्त मकान निर्माण के लिए भी 1.20 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है. मवेशियों की मौत की भी क्षतिपूर्ति करने की बात कही गई है.

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