मेरठ 26 दिसंबर (प्र)। रुड़की रोड पर विभिन्न कालोनियों की जल निकासी के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने नाला निर्माण शुरू किया था। मेडा ने दो किमी नाला बनाकर अपना प्रोजेक्ट बंद कर दिया है। इसका कारण सामने आया है अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का शुल्क।
मेडा ने रुड़की रोड पर छठी वाहिनी पीएसी के सामने से सिवाया टोल प्लाजा तक नाला निर्माण की योजना बनाई थी। इसके तहत पीएसी से गुरुकुल एकेडमी तक नाले का निर्माण लगभग पूरा किया जा चुका है। इसकी लंबाई लगभग दो किमी है। उसके आगे सिवाया टोल प्लाजा तक नाला निर्माण अटक गया। वहां निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग से प्राधिकरण (एनएचएआई) एनओसी की आवश्यकता थी। मेडा ने एनओसी के लिए संपर्क किया तो कदम पीछे करने पड़ गए। मेडा ने अब एनओसी के महंगे शुल्क को कारण बताते हाईवे किनारे नाला हुए बनाने का प्रोजेक्ट बंद कर दिया है दरअसल, एनओसी के लिए पंजीकरण शुल्क 10 हजार रुपये, 2.50 लाख रुपये निर्माण कार्य संबंधित शुल्क देना था। इतनी धनराशि मेडा देने को तैयार था लेकिन इससे भी अधिक थी। हाईवे वाले हिस्से पर मेडा को नया नाला बनाना था। इसलिए एनएचएआइ ने नियम बताया कि जितनी जमीन पर नाला निर्माण होगा, उतनी संबंधित भूमि की कीमत भी देनी पड़ेगी। कीमत चुकाने वाले इस नियम के कारण मेडा ने कदम पीछे खींच लिए।
मेडा उपाध्यक्ष संजय कुमार मीना ने कहा कि सिवाया टोल प्लाजा की तरफ नाला बनाने के लिए एनएचएआइ ने अधिक शुल्क की मांग की थी, जिसके कारण उस तरफ नाला बनाने का कार्य बंद कर दिया गया है।
फिलहाल आबूनाले से जोड़ा जा रहा है दो किमी लंबा नाला
दो किमी लंबे तैयार नाले को फिलहाल पीएसी के पास स्थित आबूनाले से जोड़ा जा रहा है। इससे उस नाले पर स्थित कालोनियों व दुकानों का पानी आसानी से बड़े नाले में जा सकेगा। हालांकि इसी हिस्से में कुछ स्थानों पर अभी नाले को कवर करना बाकी है, जिस पर कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि इसी रोड पर दूसरी तरफ नगर निगम की ओर से भी नाले का निर्माण किया जा रहा है।
