Friday, December 26

ड्रैगन फ्रूट के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों को बनाएगी मालामाल

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मेरठ 26 दिसंबर (प्र)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागवानी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय ने एक क्रांतिकारी पहल की है। विश्वविद्यालय के फल विज्ञान विभाग में ड्रैगन फ्रूट के साथ स्ट्रॉबेरी की अंतः फसल प्रणाली (एक फसल के साथ अंदर दूसरी फसल लगाना) पर सफल प्रयोग किया जा रहा है। इस तकनीक से किसान एक ही खेत में दो फलों की खेतीकर साल भर उत्पादन और मुनाफा ले सकेंगे।

फल वैज्ञानिक डॉ. गोविंद विश्वकर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय में ड्रैगन फ्रूट की 17 विभिन्न प्रजातियों का रोपण किया गया है। नवाचार यह है कि साथ ही ड्रैगन फ्रूट की पंक्तियों के बीच में स्ट्रॉबेरी को अंतः फसल के रूप में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट एक बार लगाने पर 15-20 साल तक फल देता है। यह कम पानी (50 सेमी वार्षिक वर्षा) और सामान्य तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस में भी फलता-फूलता है। वहीं स्ट्रॉबेरी ड्रैगन फ्रूट के बीच खाली पड़े बेड पर उगाया जाता है जिससे जमीन का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित होता है। इस प्रणाली को अपनाने के लिए वैज्ञानिक विधि से रोपण आवश्यक है।

फसल को सीमेंट के खंभों के सहारे 4मी.x3मी की दूरी पर लगाया जाता है। प्रत्येक खंभे पर चार पौधे लगाए जाते हैं। इस प्रकार प्रति एकड़ लगभग 330 खंभे व 1320 पौधे लगाए जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट की पंक्तियों के बीच खली स्थान में 80 सेमी चौड़े व 15 सेमी ऊंचे बेड तैयार कर उन पर स्ट्रॉबेरी के पौधे 30 सेमीx45 सेमी की दूरी पर रोपित किए जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट में मई माह से फूल आना शुरू हो जाता है व 40 दिन बाद फल परिपक्व हो जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसके फलों की तुड़ाई दिसंबर तक चलती रहती है। वहीं, स्ट्रॉबेरी की रोपाई अक्तूबर में की जाती है जिसमें दिसंबर से फूल आना शुरू हो जाता है और जनवरी से ही फल परिपक्व होना शुरू हो जाते है। मई तक फलों की तुड़ाई होती रहती है।

कर सकते हैं 10 लाख तक की वार्षिक आय
विशेषज्ञों के अनुसार यह मॉडल आर्थिक रूप से बेहद मजबूत है। ड्रैगन फ्रूट एक एकड़ में स्थापना लागत 5-6 लाख रुपये है। तीन साल बाद इससे सालाना 6-7 लाख रुपये की आय होने लगती है। वहीं स्ट्रॉबेरी की खेती में प्रति एकड़ 2.5-3 लाख रुपये की लागत आती है, जिससे 5.5-6 लाख रुपये तक की आय संभव है। दोनों फसलों के मेल से किसान एक एकड़ भूमि से प्रति वर्ष 8 से 10 लाख तक की कमाई कर सकते हैं।

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