मेरठ 30 अक्टूबर (प्र)। मौसम में ठंड बढ़ने के साथ हल्की धुंध, धुल और हवा की गति कम होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ गया है। इस वजह से दिल्ली सात दिन बाद रविवार को हवा की गुणवत्ता एक 1 बार फिर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इस वजह से दिल्ली ही नहीं मेरठ की भी आबोहवा सेहत के लिए खराब बनी हुई है। रविवार को मेरठ में एक्यूआर 239 और दिल्ली में 325 दर्ज किया गया। एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए ग्रैप की स्टेज टू लागू है। लेकिन सड़कों पर उड़ रही धूल और खराब बहनों के धुएं से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टेज टू लागू 1 होने के बाद मेरठ की दो औद्योगिक इकाईयों पर मानकों का पालन नहीं करने पर बंद करने के आदेश दिए हैं। इंडो रबड़ एंड प्लास्टिक वर्क्स कान्हा स्पोटर््स इंडस्ट्रीज को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में ठंड ने अपना प्रभाव दिखा रही हैं। सुबह और शाम के बाद तापमान 18 से 20 डिग्री के बीच है। रविवार को सुबह 10 बजे तक प्रदूषण की परत वायुमंडल में छायी रही जयभीम नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह 1. 11 बजे 294 अंक दर्ज किया गया हालांकि एयर इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार के रविवार को शाम चार बजे एक्यूआई 239 दर्ज किया गया। शनिवार की रात सात बजे से ही वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब की स्थिति अवंत पीएम 2.5 की मात्रा 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रही। रविवार को इस सीजन में पहली वर रविवार को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम रहा इस वजह से इस सीजन में अब तक रविवार की सुबह सबसे अधिक ठंडी रही । धूप में भी गर्मी का असर कम हो गया है। रात में घरों में पंखे बंद हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को आकाश साफ रहेगा। सुबह में धुंध रहने की संभावना है। 31 अक्टूबर से तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है। सुबह के समय प्रदूषण की धुंध का प्रकोप रहेगा।
वायु प्रदूषण में किसकी कितनी भागीदारी, नहीं मिल पा रही इसकी जानकारी
समस्या की वजह पता चल जाए तो समाधान निकल ही आता है। यही हाल वायु प्रदूषण का है। सर्दियों की दस्तक के साथ ही मेरठ के वावु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में वृद्धि हो रही है, लेकिन किन कारणों की वजह से वृद्धि हो रही है, मेरवासियों को इसको जानकारी नहीं मिल पा रही है। पिछले तीन से चार वर्ष में प्रदूषण को कम करने के लिए इस बात पर ध्यान केंद्रित रहा है कि लोगों को प्रदूषण की असली वजह बताई जाए। इसके लिए कई प्रवास भी किए गए। आम लोगों को यह सुविधा दी गई थी कि वह जान सके कि उनके क्षेत्र में प्रदूषण की वजह क्या है, लेकिन इस बार प्रदूषण के दौरान अभी तक की स्थिति कुछ अलग वयं कर रही हैं सफत (सिस्टम आफ एवर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) ने सबसे पहले प्रदूषण का पूर्वानुमान स्थिति और पराली प्रदूषण की जानकारी देना शुरू किया था लेकिन अबकी बार संपत ने भी प्रदूषण पूर्वनुमान और पाली प्रदूषण से पूरी तरह दूरी बनाई हुई है। दो दिन पाली प्रदूषण की जानकारी अपलोड करने के बाद इसने जानकारियां हटा ली। अब पब्लिक डोमेन में इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं है। प्रदूषण से निपटने को इसके स्रोतों का पता लगना जरूरी है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव का कहना है कि वायु गुण में सुधार के लिए औप की स्टेज टू से संबंधित दिशा निर्देश सभी विभागों को उपलब्ध कराए गए है। ऐसे में विभागों को भी अपने स्तर से इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। फूल पर नियंत्रण के लिए नगर निगम को पहल करनी चाहिए।