चित्रकूट 01 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है- ‘जब विदेशी आक्रांता अकबर के नवरत्नों में शामिल होने की होड़ मची थी, तब गोस्वामी तुलसीदास ने उसका दरबारी कवि बनना स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपना जीवन प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दिया। अकबर का उदार चेहरा दिखाने का प्रयास किया जाता है, जबकि उसके पीछे की क्रूरता किसी से छिपी नहीं है।’ मुख्यमंत्री ने संतों को विवादों से जोड़ने वाले लोगों पर भी करारा प्रहार किया। बिना किसी का नाम लिए बोले- ‘जिनका पूरा जीवन विवादित है, वे पूज्य संतों को विवादित करने का प्रयास करते हैं।’
मुख्यमंत्री गुरुवार को गनीवां स्थित तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण किया। राजापुर में यमुना रिवर फ्रंट के निर्माण की घोषणा की और कहा कि चित्रकूट श्रद्धा, सुरक्षा और स्वावलंबन की धरती बनेगा। गोस्वामी तुलसीदास के 528वें जन्मोत्सव में शामिल होने मुख्यमंत्री राजापुर स्थित तुलसी जन्म कुटीर और मानस मंदिर भी पहुंचे। रामचरितमानस की हस्तलिखित प्रति के दर्शन किए और तुलसी प्रतिमा का पूजन किया। तुलसी रिसार्ट में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य, संत मोरारी बापू, सत्तू बाबा व अन्य संतों से बात की। तुलसीदास के जीवन पर कहा कि सोचिये पांच सौ वर्ष पहले क्या स्थिति रही होगी। जब साधन- संसाधन नहीं थे तब राजापुर की क्या स्थिति रही होगी।
मुख्यमंत्री बोले- जब मैं पहली बार चित्रकूट आया तो जनप्रतिनिधियों ने बताया कि यहां कोल, भील जनजाति अधिक है। तभी तय किया था कि उन तक सभी योजनाएं पहुंचाएंगे। इसमें हम सफल भी हुए हैं। लोगों ने प्रभु श्रीराम की जयकार की तो उन्होंने कहा- ‘हमने उन पर कोई उपकार नहीं किया। यह उनके पूर्वजों द्वारा भगवान राम की सेवा के प्रति वर्तमान पीढ़ी की कृतज्ञता है।’ चित्रकूट का डिफेंस कॉरिडोर भी उसी का परिचायक है। देश की सुरक्षा के लिए मजबूत दीवार खड़ी करेंगे। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही उपस्थित रहे।