केंद्र की ओर से जबसे अग्निवीर योजना लागू की गई तब से विपक्ष इसको गलत बताते हुए हंगामा करने के साथ ही इसकी वापसी की मांग कर रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि अगर सत्ता में आए तो अग्निवीर योजना बंद करेंगे। अखिलेश यादव जी बड़े लीडर हैं। जो कह रहे हैं हो सकता है उसमें सपा को कोई राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद हो लेकिन अग्निवीर योजना जब लागू की गई थी तो कुछ दिन इसका विरोध हुआ लेकिन बाद में मुखालफत के धीमे स्वर ही सुनाई देने लगे और इसकी समाप्ति की मांग को लेकर होने वाले आंदोलनों में वो भीड़ दिखाई देनी बंद हो गई थी जो शुरूआती दिनों में दिखाई दी थी। इसके पीछे कारण कुछ भी रहा हो और मैं भी सरकार का प्रवक्ता तो हूं नहीं जो इसका समर्थन करूं लेकिन पिछले लगभग चार साल में कोरोना व अन्य कारणों के चलते आम आदमी के समक्ष रोजगार व आर्थिक संकट पैदा हुए उसका परिणाम कह लें या यह कह सकते हैं कि कुछ साल के लिए ही सही नौजवानों को अग्निवीर योजना के तहत काम और पैसा मिलने के साथ साथ एक प्रशिक्षण पाकर भी काम मिल रहा है तो वो बड़ी बात है क्योंकि जिसे प्राप्त करने के लिए अगर किसी कॉलेज या संस्थान में प्रवेश लिया जाए तो लाखों रूपये खर्च होते हैं। फिर भी प्रैक्टिल से इतना अच्छा प्रशिक्षण नहीं मिल सकता जितना अग्निवीर योजना से मिल रहा है। नौजवानों से जो सुनने को मिलता है वो यह है कि इस योजना का समय पूरा करने के बाद भले ही छुटटी हो जाए लेकिन कुछ लोगों को वहीं स्थायी तैनाती मिल जाती है और कुछ को बैंकों और अन्य प्राइवेट संस्थानों में सेवानिवृत जवानों की भांति नौकरी मिल जाती है। और फिर सरकार ने भी अपने कई विभागों में इन्हें समाहित करने की घोषणा कर रखी है। ऐेसे में अखिलेश जी अग्निवीर योजना का विरोध कहीं गले की फांस ना बन जाए और ग्रामीण कहावत दही के चक्कर में यह मांग चूना खाने के समान ना हो जाए। मेरा मानना है कि देश में पक्ष और विपक्ष बहुत मजबूत होना चाहिए तभी सत्ता संतुलन और सरकार चलाने वालों पर अंकुश हो सकता है। अग्निवीर का विरोध उलटा पड़ गया तो जो उम्मीदवार के लोकसभा चुनाव में जीतने की उम्मीद है उनमें भी कमी हो गई तो जैसे यूपी में विपक्ष सत्ता में आते आते रह गया तो लोकसभा चुनाव में इसकी पुनरावृति होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
अखिलेश जी अग्निवीर योजना का विरोध विपक्ष के लिए ?
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