Monday, August 11

प्रेम संबंध से नाराज भाई ने घुमाने के बहाने ले जाकर बहन को मारा, दो दिन पहले उसके प्रेमी का भी किया मर्डर

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झांसी 11 अगस्त। झांसी से सनसनीखेज मामला सामने आया है। बहन के प्रेम संबंध से नाराज भाई ने रक्षाबंधन के दिन राखी बंधवाने के बाद दोस्त के साथ मिलकर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उसने दो दिन पहले बहन के प्रेमी की भी हत्या कर दी थी। पिता की तहरीर पर आरोपी और उसके दोस्त के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

यह वारदात गरौठा थाना क्षेत्र के चंदापुर गांव की है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी अरविंद ने शनिवार को अपनी बहन से राखी बंधवाई थी। इसके बाद वह अपनी बहन पुच्चू (18) को घूमाने के बहाने घर से बाहर ले गया। उसके साथ उसका दोस्त प्रकाश भी था।

दोनों ने पहले पुच्चू के बाल काट दिए। इसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी और खदान में शव फेंककर भाग गए। रविवार सुबह उसका शव उतराता मिलने पर गांव में सनसनी फैल गई। युवती के पिता पप्पू अहिरवार ने अपने बेटे और उसके दोस्त पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने बताया कि आठ अगस्त को अरविंद ने टहरौली जाकर बहन के प्रेमी विशाल को धोखे से बुलाकर हत्या कर दी थी। उसका शव धसान नदी के पास से मिला था। इस मामले की अभी जांच चल रही थी। युवती की हत्या के बाद यह आशंका पुष्ट हो गई है कि अरविंद ने ही विशाल को मारा था।

परिजनों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पुच्चू के प्रेम संबंध टहरौली निवासी विशाल से थे। इस बात से अरविंद बहुत नाराज था। सात अगस्त को वह पुणे से झांसी आया था।

हत्या के आरोपी भाई अरविंद अहिरवार अपनी कलाई पर बंधी राखी का भी मान नहीं रख सका। छोटी बहन ने कुछ देर पहले ही उस कलाई पर नेह के धागे बांधे थे। उससे अपनी रक्षा का वचन लिया था लेकिन झूठी आन की खातिर भाई ने अपना वचन नहीं निभाया।

परिजनों का कहना है कि अरविंद कुछ महीनों से पुणे में था। 7 अगस्त को घर आया था। इकलौता भाई होने के नाते अरविंद को तीनों बहनें चाहती थीं। राखी के दिन पुच्चू अपनी बड़ी बहन के साथ बाजार से राखी खरीदकर लाई थी। एक साथ मिलकर त्योहार मनाया।

राखी बंधवाने के बाद अरविंद ने तीनों बहनों को नेग दिया। इसके बाद अचानक पुच्चू से बाहर चलकर घूम आने के लिए कहा। दोनों बहनें भी चलने को जिद करने लगीं लेकिन अरविंद उन्हें साथ ले जाने के लिए राजी नहीं हुआ।

पुच्चू राजी हो गई लेकिन उसे क्या पता था कि जिस भाई ने कुछ देर पहले जिंदगी भर रक्षा करने का वचन दिया है, वही उसकी जान लेने का मंसूबा बांध रखा है। बेफ्रिक होकर वह अपने भाई के साथ निकल गई।

शाम को अरविंद उसकी हत्या कर वहां से भाग गया। रात में फोन पर पिता को बता दिया लेकिन परिवार के लोग खामोश रहे। सुबह जब गांव में हंगामा हुआ, तब उन्होंने यह बात गांव में बताई।

लहचूरा के झारखंड मंदिर के गुढ़ा गांव के पास झाड़ियों से 8 अगस्त की शाम विशाल (19) का शव बरामद हुआ था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। उस समय उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
शनिवार को उसके पिता हल्के अहिरवार ने सोशल मीडिया पर अपने बेटे का शव देखकर उसकी शिनाख्त की। पिता ने पुलिस को बताया कि विशाल कुछ दिन पहले ही झांसी आया था।

पुच्चू के भाई अरविंद के दोस्त प्रकाश प्रजापति की रिश्तेदारी उसके गांव में है। 7 अगस्त को प्रकाश गांव आया था। दिल्ली में नौकरी दिलाने के बहाने विशाल को अपने साथ ले गया। आठ अगस्त को विशाल को फोन लगाने पर वह स्विच ऑफ था।

पूरे दिन फोन नहीं लगा। 9 अगस्त को प्रकाश से पूछने पर उसने बताया कि विशाल मेरे साथ है। उसका फोन खराब हो गया है। गांव के लोगों ने बताया कि उस दिन अरविंद भी उसके साथ था। पुलिस पूछताछ में प्रकाश ने विशाल की हत्या की बात कुबूल की। उसने पुलिस को बताया कि अरविंद ही उसे लेकर गया था। बाइक से विशाल को लेकर पहले वह लोग धसान नदी के पास गए। यहां उन दोनों ने मिलकर धारदार हथियार से हत्या कर दी। शव कुछ दूर ले जाकर फेंक दिया।

इसी गांव में टहरौली के पथराई गांव निवासी विशाल (18) पुत्र हल्केराम अहिरवार का ननिहाल था। दोनों के घर पड़ोस में थे। दोनों अक्सर ही नुनार गांव जाते थे। डेढ़ साल पहले दोनों की मुलाकात हुई। दोनों ने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए। इसके बाद उनमें चैटिंग शुरू हो गई। दोनों अक्सर मिलने जुलने लगे। साथ में जीने मरने की कसमें भी खा लीं। जनवरी में विशाल और पुच्चू दोनों घर से भाग गए। इसके बाद उनके परिजनों को उनके संबंधों का पता चला।

पुच्चू के परिजनों ने विशाल के खिलाफ लड़की को भागने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस दोनों को पकड़कर लाई। पंचायत के बाद किसी तरह सुलह हुई। विशाल के पिता का आरोप है कि सुलह कराने के एवज में पुलिस को 45 हजार रुपये दिए थे। इसके बाद वह विशाल को लेकर हरियाणा चले गए। इस मामले के बाद भी दोनों के बीच फोन पर बातचीत होती रही। 15 दिन पहले विशाल गांव आया था।

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