वैसे तो अपने देश में रोज ही कोई न कोई त्योहार और पर्व मनाया जाता है ऐसी चर्चा सुनने को मिलती ही रहती है लेकिन बहन भाई के पवित्र प्रेम और भाईयों द्वारा बहनों को रक्षा का वचन दिये जाने के पर्व भाईदूज और रक्षा बंधन आदि काल से अपना ही अलग महत्व रखता है। धीरे धीरे यह पर्व फिल्मी अंदाज में भी मनाया जाने लगा। तो जिस प्रकार से राखियां नये नये रूप में दिखाई देने लगी वैसे ही इस पर्व को बिना किसी विवाद या विघन के पूर्ण कराने के लिए जहां जनपदों में पुलिस व्यापक व्यवस्थाऐं करती है वहीं इस वर्ष यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिन तक बहनों को एक सहयोगी के साथ निशुल्क यात्रा की सुविधा दी है। यह सुविधा ऐसी सुविधा पूर्व में हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में श्री हुड्डा द्वारा सर्वप्रथम दिये जाने की चर्चा सुनी जाती है और वहां के वर्तमान मुख्यमंत्री ने भी इसे जारी रखा है। इस बार देशभक्ति से परिपूर्ण तिरंगी राखियों के साथ ही संपन्नता और वैभव दर्शाने वाली चांदी की राखियों के साथ ही बताते है कि सोने की राखी भी मार्किट में उपलब्ध है। जो भी हो राखी तो राखी है यह धागे के रूप में बांधने या सोने से बनी इसमें जो बहन भाई का प्यार बसा है असली तो वो है।
इस वर्ष 9 अगस्त को मनाई जाने वाली पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने के शुभ मुर्हुत सुबह 7.26 से 9 बजे के बीच तथा दोपहर 12.24 से 5.30 तथा 11.29 से 12.53 तक अभीजीत मुुर्हुत साध्य 7 बजे से 8.20 तक लाभ चौखडिया है। विद्यवानों के अनुसार इस पर्व को लेकर कोई भी भ्रमित करने वाली स्थिति नहीं है। बताते है कि पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोहपर 2.12 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 9 अगस्त को दोपहर 1.24 मिनट तक रहेगी इसलिए पूर्णिमा तिथि की उपस्थिति इसलिए रक्षा बंधन का पूर्व 9 अगस्त शनिवार को मनाया जाना है।
सीमाओं पर मौजद सेनिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए अंर्तराष्ट्रीय सीमा पर आपरेशन सिन्दूर में बीएसएफ की महिला पहरियों की आशा वीरता के किस्से उस समय फिर ताजा हो गये जब स्कूली छात्राओं ने वीर कान्हाओं की कलाईयों पर स्नेह भरा रक्षा सूत्र बांधा।
विद्वानों का कहना है कि इस वर्ष स्वर्ण मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा यह तिथि 9 अगस्त को है इस बार रक्षा बंधन पर्व पर भद्रा से पूर्ण मुक्त रहेगा। बताते है कि माता पार्वती भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर तपस्या कर रही थी एक बार भगवान विष्णु सुन्दर युवक का रूप धारण कर पहुंचे और उन्होंने मां पार्वती से पूछा कि बहन क्या मैं आपकी कोई सहायता कर सकता हूं। जिस पर मां पार्वती ने इसके लिए मना कर दिया। तब भगवान विष्णु पास में रखे कलावे को मां पार्वती से अपनी कलाई पर बंधवा लेते है और कहते है कि अब में तुम्हारा भाई बन गया तब माता पार्वती कहती है कि आज से आप मेरे भाई के रूप में जाने जाएंगे। विद्वानों का कहना है कि राखी बांधते समय मन में भाई के लिए मंगल भाव और सबकी सुख समृद्धि की कामना की जानी चाहिए।
जो भी हो इस बार बिना किसी भ्रम के बहने भाईयों को राखी के रूप में धागे से लेकर देश के बड़े महानगरों से मंगाई राखियों के साथ ही सोने चांदी की राखियां भी बांधेगी।
बहनें अपने बच्चों आदि के साथ बिना किसी रोकटोक के समय से अपने भाईयों के घर पहुंचे इसके लिए मेरा मानना है कि यूपी के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उन तमाम मुखियों को जो बहनों को मुफ्त यात्रा उपलब्ध करा रहे है उन्हें अपने अपने प्रदेशों से लेकर गांव देहातों से प्रमुख शहरों में रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाकर इस पवित्र पर्व को सम्पूर्ण कराने की पहल भी करनी चाहिए।
(प्रस्तुतिः- अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय महामंत्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए व पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी संपादक पत्रकार)
मुख्यमंत्री जी यात्रा फ्री करने के साथ ही बसें भी उपलब्ध कराये, भद्रामुक्त रक्षा बंधन पर धागों से लेकर सोने चांदी की राखी बांधेगी बहने भाईयों की कलाई पर
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