दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 01 अप्रैल (विशेष संवाददाता) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रूख अपनाने के बाद भी मेडा और आवास विकास के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। परिणामस्वरूप आवास विकास के रिहायशी इलाकों में घरेलू उपयोग की भूमि पर दुकान और कॉमपलैक्स तैयार हो गए है। सरकारी भूमि घेरकर भी निर्माण कर लिए हैं बताए जाते हैं। आवास विकास का मंगल पांडे नगर क्षेत्र तो अवैध निर्माणों और गलत भूउपयोग करने का जीता जागता उदाहरण बन गया है।
मुख्यमंत्री और मंडलायुक्त अगर ध्यान दें तो स्पष्ट होगा कि यह सब आवास विकास के मुख्य अभियंता और उनके सहयोगियों की मेहरबानी से हो रहा बताया जाता है। गढ़ रोड से विक्टोरिया पार्क आने वाले मार्ग पर बनी इमारतों को देखकर कोई भी कह सकता है कि यह अवैध रूप से बनी है और इसमें सरकारी भूमि भी घेरी गई है। आलम यह है कि दस से 12 फूट की गलियों में कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स और कंपनियों के कार्यालय खुल गए है। नए का निर्माण भी जारी है। इसके उदाहरण इसे फोटो को देखकर लगाया जा सकता है कि यह जो इमारत बनकर तैयार हो रही है मौके पर यह स्पष्ट हो रहा है कि यह अवैध रूप से बनी है और इसे आवास विकास के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
ताज्जुब की बात यह है की जो स्वीकृत नक्शे के संपूर्ण विपरीत है। पूर्व में भी इसकी शिकायतें हर स्तर पर शासन प्रशासन से की जाती रही है। रसूखदारों के प्रभाव के चलते इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई । मात्र 4 महीने के अंदर चार मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार कर दी गई। अग्निशमन सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना यह भवन बनकर तैयार कर दिया गया। फिजिक्स वालाह के नाम से बच्चों का कोचिंग सेंटर इसमें शीघ्र ही चालू होने वाला है । किस प्रकार यहां बच्चे सुरक्षित रह सकेंगे यह चिंता का विषय है । अवैध निर्माण करता दौड़ रहे सो रहे आवास विकास अधिकारी ।