Wednesday, October 16

अतुल प्रधान ने दिया प्रशासन को मांग पत्र, आइएमए से पूछे 10 सवाल

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मेरठ 12 अक्टूबर (प्र)। प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर और प्राइवेट अस्पतालों इलाज के नाम पर अनाप शनाप वसूली के विरोध में सरधना विधायक अतुल प्रधान ने अपने हजारों समर्थकों के साथ भामाशाह मैदान में दूसरे दिन भी धरने पर डटे रहे। पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व सीएमओ ने अतुल प्रधान से वार्ता की और अतुल प्रधान से धरना समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला। अतुल ने मांगें पूरी न होने तक धरना समाप्त न करने और आंदोलन को लंबा चलाने का ऐलान किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने धरने को जबरन समाप्त कराने का प्रयास किया तो जनता सड़कों पर उतार आएगी मुंह तोड़ जवाब देगी।

धरना दे रहे सरधना विधायक ने दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह कन्या पूजन किया। दिनभर सभा चली। शाम को उनकी मांगों पर वार्ता के लिए अधिकारी पहुंचे लेकिन सीएमओ, डीआइओएस और ड्रग इंस्पेक्टर वहां मौजूद लोगों के सवालों के जवाब नहीं दे सके। अतुल प्रधान ने एडीएम सिटी को अपना मांगपत्र सौंपकर शनिवार शाम तीन बजे जवाब मांगा। उन्होंने आइएमए के दावों पर भी दस सवालों के जवाब मांगे हैं। देर शाम उन्होंने रविवार से कलक्ट्रेट में धरना देने की घोषणा की है।

भामाशाह पार्क में जनआंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार को अतुल प्रधान और उनकी पत्नी सीमा प्रधान ने नवरात्र की अष्टमी और नवमी पर सैकड़ों कन्याओं की पूजा की और उन्हें भोजन कराकर उपहार भेंट किए। इसके बाद बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें बच्चों ने गीत और नृत्य से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

सपा विधायक अतुल प्रधान ने गुरुवार से भामाशाह मैदान में महंगी शिक्षा और महंगी चिकित्सा के विरोध में घेरा डाला डेरा डालो आंदोलन छेड़ा है। प्रशासन ने अतुल को भामाशाह मैदान में 24 घंटे धरना प्रदर्शन की अनुमति दी थी। उसकी समय सीमा शुक्रवार सुबह पूरी हो गई, लेकिन अतुल प्रधान दूसरे दिन भी धरने पर डटे रहे। अतुल ने आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया। आंदोलन के दूसरे दिन भी भामाशाह मैदान में सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। दिनभर धरनास्थल पर हजारों की भीड़ जुटी रही।

धरनास्थल पर अतुल प्रधान ने कहा कि प्राइवेट चिकित्सकों और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों को लूटा जा रहा है। कमीशन के चलते डाक्टरों द्वारा जांच कराई जाती हैं, दवाइयां भी अत्याधिक रेटों पर दी जाती हैं।

किसी भी नर्सिंग होम में और जांच लैब में तथा जांच सेंटरों में रेट लिस्ट नहीं टांगी जाती। वहां मरीजों से अनाप शनाप वसूली की जाती है। प्राइवेट डाक्टरों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल, कालेज और महाविद्यालयों व इंस्टीट्यूटों में फीस के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है। अनेक मदों के नाम पर लूटा जा रहा है। इस लूट पर रोक लगनी चाहिए।

भामाशाह मैदान में चल रहे सरधना विधायक अतुल प्रधान व उनके समर्थकों के बेमियादी धरने को खत्म कराने के लिए शुक्रवार की शाम एडीएम सिटी, एसपी सिटी और सीएमओ धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होेंने अतुल से वार्ता की और धरना समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन अतुल अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे रहने को अडिग हैं। अतुल ने अधिकारियो से दो टूक कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, धरना समाप्त नहीं होगा। अतुल ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एडीएम सिटी को दिया।

ज्ञापन में प्राइवेट चिकित्सकों की फीस, आपरेशन और उपचार संबंधी फीस निर्धारित करने, प्राइवेट अस्पतालों में हर कार्य के शुल्क न्यूनतम करके उसकी सूची बोर्ड पर डिस्पले करने और चिकित्सकों द्वारा सस्ती दवाइयां लिखने के आदेश देने की मांग की। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल, कालेज, महाविद्यालयों व इंस्टीट्यूटों में शिक्षा देने के नाम पर हो रही लूट को बंद कराने की मांग की। शासन से फीस निधारित करने और सभी स्कूल कालेज, महाविद्यलय व इंस्टीट्यूट में सरकारी किताबों से पढ़ाने, ड्रेस कहीं से भी खरीदने का नियम बनाने की मांग की।

अतुल ने आईएमए से किए 10 सवाल
पिछले सालों में मेरठ में मरीजों के इलाज में कमिशनखोरी के लिए कोई अभियान चलाया?
जिले में फर्जी पैथोलॉजी लैब, फर्जी हॉस्पिटल के खिलाफ कोई आवाज उठाई, आज भी मेरठ में सैंकडों लैब और हॉस्पिटल चल रहे हैं?
फर्जी हॉस्पिटल और कई रजिस्टर्ड हॉस्पिटल में टैक्नीशियन आपरेशन कर रहे हैं, कोई कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को लिखा?
दवाइयों की कालाबाजारी के खिलाफ अभियान चलाया? दवाइयों पर लिमिट से ज्यादा एमआरपी लिखी है सरकार को इसे ठीक करने को ज्ञापन दिया?
जो चिकित्सक अपनी क्लीनिक में बिना लाइसेंस का स्टोर चला रहे हैं उनके खिलाफ कोई आवाज उठाई?
आईएमए ने कितने मरीजों के आपरेशन फ्री किए।
आयुष्मान में गरीब मरीजों के इलाज के लिए मेडिसन विभाग में और अन्य सर्जरी में जो पैकेज बहुत कम हैं इसके लिए आवाज उठाई? क्या 2300 रुपये रोज में एक दिन का इलाज संभव है?
मेडिकल कालेज में इमरजेंसी से दलालों द्वारा मरीजों को उठाकर प्राइवेट हॉस्पिटल में लाकर फसकर जाल साजी करके एम्बूलेंस और दलालों और मेडिकल कालेज के सीएमओ द्वारा लूटा जाता है, इसके खिलाफ कोई आवाज उठाई?
बाजार में मिलावटी दूध, मावा, पनीर, बिक रहा है, उसके खिलाफ आवाज उठाई?
क्या आईएमए केवल चिकित्सकों के हित के लिए ही है, समाज के लिए नहीं?

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