मेरठ 06 मार्च (प्र)। मेरठ कोतवाली के गुदड़ी बाजार में तिहरे हत्याकांड में इजलाल कुरैशी समेत 9 दोषियों की अपील जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। शीबा सिरोही को अपील बेल मिल गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष के वकील अमित कुमार राणा ने बताया कि इजलाल समेत 10 आरोपियों ने सेशन कोर्ट के उम्रकैद के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील जमानत अर्जी डाली थी। जिसमें से सिर्फ शीबा को जमानत मिली है।
तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने अगस्त 2024 को 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 6 कैदियों इजहार, देवेंद्र आहूजा, वसीम, अब्दुल रहमान उर्फ कलुवा, बदरुद्दीन और रिजवान को आगरा सेंट्रल जेल भेजा जा चुका है। इजलाल कुरैशी, उसके भाई अफजाल और महराज व शीबा सिरोही अभी मेरठ जेल में हैं।
23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले। इनकी पहचान मेरठ निवासी सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्ज्वल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई।
पुलिस जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की। पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
1 अगस्त 2024 को कोर्ट ने 10 आरोपियों इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान, बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था।
हत्याकांड के दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी थी। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। परवेज को नाबालिग बताए जाने के चलते हाईकोर्ट में अपील पेंडिंग है।
एमबीए पास शीबा सिरोही की मां मेरठ के नामचीन सीबीएसई स्कूल की प्रिंसिपल थी। पति सेना में कैप्टन थे। शीबा सिरोही का अपने पति से विवाद चल रहा था। पिता की मौत हो चुकी थी। मां ने मेरठ से दुबई चली गई थी।
शीबा गंगानगर के राधा गार्डन में अकेली रहती थी। साल 2006 में शीबा सिरोही अपनी एक सहेली के साथ आबूलेन स्थित नामचीन ब्रेकरी पर गई थी। वहां शीबा को उसकी जान पहचान का एक युवक मिला। उसके साथ इजलाल कुरैशी भी था। शीबा के उसी जानकार ने इजलाल से मुलाकात कराई।
इजलाल को शीबा के परिचित ने हिंदू नाम बताकर मिलवाया था। दूसरी मुलाकात में इजलाल ने शीबा का नंबर ले लिया। बातें होनी लगी। इजलाल का रुआब और पैसे देखकर शीबा उसके करीब पहुंच गई। इजलाल शीबा को लेने राधा गार्डन जाता था। पूरी काॅलोनी में इस बात का पता चल चुका था कि शीबा का जिसके साथ आना-जाना है, वो कोतवाली के गुदड़ी बाजार का मीट कारोबारी इजलाल कुरैशी है।
इजलाल की दोस्त शीबा सिरोही को हत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया था। 22 अगस्त 2008 को कोतवाली पुलिस ने तिहरे हत्याकांड में 14 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो गई थी। अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे में रोजाना सुनवाई करने के आदेश दिए थे। दस जुलाई 2024 तक लगातार हर रोज सुनवाई हुई। 14 साल तक सभी को जेल में रहना पड़ा।
वर्ष 2023 में इजलाल पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, 14 साल जेल में रहने के चलते जमानत मिल गई थी। सभी नौ आरोपी तब से बाहर थे। एक अगस्त को कोर्ट ने इजलाल और उसके भाई अफजाल, महराज, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, बदरुद्दीन पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था। पांच अगस्त को आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हत्याकांड के दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी है। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। एक आरोपी को नाबालिग बताए जाने के चलते हाईकोर्ट में अपील विचाराधीन है। तिहरे हत्याकांड में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। शीबा सिरोही के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इजलाल के मुकदमे में 27 गवाह और शीबा के मुकदमे में 12 गवाह पेश किए गए थे।
इजलाल और कैप्टन की तलाकशुदा पत्नी शीबा की दोस्ती थी। सुनील ढाका, सुधीर उज्ज्वल और पुनीत गिरि इसका विरोध करते थे। बाद में इजलाल ने तीनों युवकों से समझौता कर लिया था। शीबा को इजलाल का तीनों से मिलना पसंद नहीं था। उसने इजलाल को तीनों की हत्या के लिए उकसाया। 22 मई 2008 की रात इजलाल ने तीनों को बात करने के बहाने बुलाया और मार डाला था।