Friday, November 22

यूपी की सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव में पोस्टर और बैनर पर रोक

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प्रयागराज 21 नवंबर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में बीते दिनों हुई अराजकता को देखते हुए हाईकोर्ट सहित उत्तर प्रदेश की सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव में पोस्टर, बैनर सहित चुनाव प्रचार की समस्त सामग्रियों (इलेक्ट्रानिक रूप में भी) पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि इस संबंध में नी बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे रहे हैं।
अगर प्रत्याशी इसका पालन नहीं करता तो बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश उसे दंडित करेगी और अदालत की अवमानना का भी दोषी करार दिया जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने अमित कुमार निगम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने जारी दिशा-निर्देशों में न्यायालय परिसर में प्रचार जुलूस आदि पर भी पाबंदी लगा दी है।

इनका पालन हो सुनिश्चित
■ कोई भी उम्मीदवार या उसका समर्थक सिविल कोर्ट, इलाहाबाद, यूपी के अन्य सभी न्यायालयों और शहरों सहित उच्च न्यायालय परिसर के भीतर कोई पोस्टर, हैंडबिल, फोटो या अन्य चुनाव सामग्री नहीं लगाएगा / चिपकाएगा।
■ किसी भी उम्मीदवार या उसके समर्थक द्वारा न्यायालय या परिसर के गलियारे में जुलूस नहीं निकालेगा। प्रचार के उद्देश्य से नारेबाजी या ऊंची आवाज में कुछ बोलेगा नहीं, जिससे न्यायालय के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो।’
■ कोई भी उम्मीदवार या बार के सदस्य चुनाव प्रक्रिया के दौरान आपत्तिजनक भाषा का उपयोग नहीं करेगा।
■ उम्मीदवार या उनके समर्थक संबंधित बार एसोसिएशन के चुनाव समाप्त होने तक पेशे की गरिमा को बनाए रखने के लिए किसी भी कारण से दोपहर के भोजन, रात्रिभोज आदि या सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार की पार्टियों से परहेज करेगा।
■ किसी भी उम्मीदवार को प्रचार के दौरान किसी भी तरह से न्यायालयों के कामकाज में बाधा डालने की अनुमति नहीं होगी।
■ किसी भी उम्मीदवार को अदालत परिसर के भीतर प्रचार करने या मतदाताओं से आग्रह करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक या अन्य उपकरणों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
■ यूपी में अदालत परिसर के भीतर कहीं भी बैनर, कटआउट और पोस्टर या अदालत परिसर के बाहर भी इन्हें लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कहीं सामग्री लगी है तो उम्मीदवारों को एक सप्ताह के भीतर स्वेच्छा से ऐसी सामग्री हटानी होगी।
■ आचरण नियमों के किसी भी उल्लंघन में शामिल अधिवक्ता को यूपी बार काउंसिल द्वारा दंडित किया जाएगा। अवमानना का भी दोषी ठहराया जाएगा।
■ चुनाव में मतदान उन्हीं अधिवक्ताओं को करने दिया जाएगा जिनके पास सीओपी कार्ड बार एसोसिएशन सदस्यता कार्ड/ बार काउंसिल पहचान पत्र होगा।

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