मुजफ्फरनगर 05 जनवरी। 22 जनवरी को अयोध्या में स्थित राम मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। जिसको लेकर अयोध्या क्या पूरे देश में बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है। इसके चलते यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित गांधी कॉलोनी निवासी बीकॉम के छात्र तुषार शर्मा ने अखबार की रद्दी से राम मंदिर का भव्य मॉडल तैयार किया है। जानकारी के मुताबिक़ इस मंदिर को तैयार करने में छात्र ने अखबार की रद्दी से बनी लगभग 8000 स्टिक्स का इस्तेमाल किया है।
छात्र तुषार की माने तो 4 महीने की कड़ी मेहनत के बाद उसने राम मंदिर के इस मॉडल को तैयार किया है और अब यह छात्र चाहता है कि उसके इस राम मंदिर के मॉडल को किसी तरह अयोध्या में स्थित राम मंदिर के अंदर एक छोटी सी जगह मिल जाए जहां इसे देश और दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु देख सके। बता दें कि कोरोना काल के पहले लॉकडाउन में जब सभी लोग घरो में क़ैद थे तब इस छात्र तुषार ने अपने खाली समय में अखबार की रद्दी से अलग अलग मॉडल बनाने शुरू किये थे। जिसके चलते तुषार ने अब तक जहाँ अखबार की रद्दी से कई महापुरुषों के चित्र बनाये हैं वहीं इस होनहार छात्र ने राम मंदिर, इंडिया गेट, लाल किला, गोल्डन टेंपल, केदारनाथ मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, गांधीजी का चरखा, राफेल, वाइट हाउस, स्कूटर, बाइक, ट्रैक्टर, पेंसिल स्टैंड, रिक्शा, कान्हा जी का झूला, दो बैलों की जोड़ी, ई-रिक्शा, पंखा टेबल चेयर, गिटार, दीवार घड़ी आदि के एक से बढ़कर एक मॉडल तैयार किये हैं। जो अपने आप में एक मिसाल है।
इस बारे में जब तुषार शर्मा का कहना था की मैंने अखबार की रद्दी से राम मंदिर का मॉडल बनाया है एवं जो वेस्ट पेपर होते हैं उन्हीं से रिसाइकल करके मैंने मॉडल बनाया है। क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है और मैंने इसकी स्टार्टिंग लॉकडाउन से की थी तब मेरे घर पर न्यूजपेपर आ रहे थे तो मेरा मन था कि मैं एक दिन राम मंदिर का मॉडल बनाऊंगा और तभी से मैंने स्टार्टिंग की थी। नए-नए मॉडल बनाए थे इण्डिया गेट, लाल किला, गोल्ड़न टेम्पल पर मेरा मन कुछ अलग बनाने का था मतलब मैं अपने आप को एक मिशन देता रहता हूं कि इससे अलग क्या-इससे अलग क्या तो इसी का मेरा मन था। इसलिए मैंने इसमें 8000 स्टिक्स लगाए हुए हैं और यह राम मंदिर का मेरा अब तक का सबसे बड़ा मॉडल है क्योंकि यह मेरे लिए एक मिशन भी था कि मैं यह बना पाऊंगा या नहीं बना पाउँगा क्योंकि यह बनाना बहुत मुश्किल है। चाहे इसकी सीढ़ियां हो या इसका बेसमेंट हो तो इसकी शेप बनाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। लेकिन मैं रात भर लगा रहा क्योंकि मैं स्कूल में जॉब भी करता हूं तो मैं स्कूल से आने के बाद में इस पर वर्क करता था और इसमें देखता था कि और इससे अच्छा इसमें क्या हो सकता है क्योंकि अभी वह बन रहा है पूरा बना नहीं है इसलिए थोड़ा डिफरेंट था कि मैं कैसे बना पाऊंगा, मैंने इसका पहले बेस बनाया जो कि पूरे 2000 स्टिक से बना हुआ है एवं इसके बिम बनाएं जिसमें चार-चार स्टिक लगी हुई है और इसमें कम से कम डेढ़ सौ बिम लगे हुए हैं और लेवल टू लेवल में बढ़ता चला गया और आज ये आपके सामने है, मैं छोटे-बड़े कम से कम 50 मॉडल बना चुका हूं जिसमें से मेरे 25 मॉडल बड़े हैं जिसमें इंडिया गेट, गोल्डन टेंपल, लाल किला, स्वर्ण मंदिर, वाइट हॉउस, गाँधी ज़ी का चरखा व शिवलिंग इस तरह से मैंने काफी मॉडल बनाए हैं।
मुझे इसे बनाने में 4 महीने लगे हैं क्योंकि 2 महीने तो स्टिक बनाने में ही लगते हैं क्योंकि पहले पेपर कट करता हूं और स्टिक खुद बनानी पड़ती है मार्केट में तो मिलती नहीं है और मैं पूरा वेस्ट ही यूज़ कर रहा हूं क्योंकि पहले मेटेरियल तैयार होता है तभी उसके बाद मॉडल तैयार करना पड़ता है।