मेरठ, 13 नवंबर (प्र)। दिल्ली, एनसीआर सहित मेरठ में प्रदूषण की वजह से पटाखे चलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद जमकर आतिशबाजी की गई। रात ढाई बजे तक शहर के आसमान में रंगीन आतिशबाजी चमकती रही। दिवाली की रात पटाखों की आवाज से हवा गूंजती रही। पुलिस, प्रशासन आतिशबाजी पर रोक नहीं लगा सका। देर रात तक चले पटाखों के कारण सुबह से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी हुई है। मेरठ का एक्यूआई 319 पर है जो पूरे यूपी में सबसे हाई है।
दिवाली के 10 दिन पहले से पुलिस पटाखा बिक्री को लेकर अभियान चला रही थी। शहर से देहात तक कई जगहों पर पुलिस ने छापेमारी कर पटाखे जब्त किए थे। इसके बाद भी शहर में हर जगह खूब पटाखे चले। अनार, फुलझड़ी छोटे पटाखों के साथ लोगों ने सुतली बम, रॉकेट बम के साथ बड़े बम और लड़ियां भी खूब चलाईं। कहीं कोई रोक पटाखों पर नजर नहीं आई। दीवाली से पहले पुलिस ने शहर में कई जगहों पर छापेमारी करते हुए पटाखों के जखीरे पकड़े इसके बाद भी खूब पटाखे बेचे गए और चलाए गए। लालकुर्ती, पीएल शर्मा रोड, सदर, कंकरखेड़ा, शारदा रोड, गढ़ रोड शहर के अन्य बाजारों में धड़ल्ले से पटाखे बेचे गए। एनजीटी की तरफ से पटाखों पर रोक थी। केवल ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति थी लेकिन कहीं भी इस तरह के पटाखे नजर नहीं आए। तेज रोशनी के साथ तेज आवाज और खूब धुएं वाले पटाखे चलाए गए।
डीएम दीपक मीणा का कहना था पटाखे पूरी तरह बैन है, किसी भी विक्रेता का लाइसेंस नहीं बना है, इसके बावजूद शहर से देहात तक खूब पटाखे बेचे गए।
रोक के बावजूद खूब चली आतिशबाजी, धड़ल्ले से बिके पटाखे
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