मेरठ, 27 जून (प्र)। ब्रह्मपुरी के इंदिरानगर में हुए सुनीता मिश्रा हत्याकांड का आज पुलिस लाइन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया। सुनीता की हत्या किसी गैर ने नहीं बल्कि उसके छोटे भाई दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड उपेंद्र मिश्रा ने की थी। हत्या के बाद उपेंद्र ने घर में रखे लाखों रुपये और जेवरात लूटे। इसके बाद वह बस से दिल्ली चला गया। पुलिस ने हत्यारोपी के पास से लूटी गई रकम और जेवरात बरामद कर लिए हैं।
मूलरूप से सुलतानपुर जिले के अमाऊ जासरपुर गांव निवासी राधेश्याम मिश्रा ब्रह्मपुरी के इंदिरानगर की गली नंबर दो में रहते हैं। राधेश्याम बागपत रोड स्थित कैलाश अस्पताल में ओटी टेक्नीशियन हैं। शुक्रवार रात को राधेश्याम की पत्नी सुनीता मिश्रा घर पर थीं। पति अस्पताल में ड्यूटी पर थे। शनिवार सुबह राधेश्याम घर पहुंचे तो सुनीता का शव नीचे पड़ा हुआ था। उनके कनपटी पर दाएं तरफ गोली लगी थी। राधेश्याम की लाइसेंसी रिवाल्वर सुनीता के हाथ में रखी हुई थी। सिर पर भी चोट का निशान था। घर से बुलेट बाइक गायब थी। बुलेट को कातिल कुछ दूर जाने के बाद सड़क पर छोड़ गया था। इसके बाद वह ई-रिक्शा से भैसाली बस अड्डे तक पहुंचा और फिर वह फुटेज में नहीं दिखा। माना जा रहा था कि कातिल भैसाली बस अड्डे से बस में बैठकर कहीं चला गया। पुलिस ने जांच की तो सुनीता का छोटा भाई उपेंद्र शक के दो दायरे में आ गया। उपेंद्र दो साल से दिल्ली के मॉल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है।
उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उसने राधेश्याम से एक साल पहले 90 हजार रुपये उधार लिए थे। घटना से कुछ दिन पहले उसने राधेश्याम को फोन कर पैसे मांगे तो उसने इन्कार कर दिया।
उपेंद्र ने फिर अपनी भांजी आशी से बात करके पूछा कि घर में सेफ की चाभी कहां रहती है। इसके बाद वह रात को दिल्ली से बस में मेरठ पहुंचा। दरवाजा खटखटाने पर सुनीता मिश्रा ने सीसीटीवी में भाई को देखा तो गेट खोल दिया। उपेंद्र ने सुनीता से सेफ की चाबी मांगी तो उसने मना कर दिया।
उपेंद्र ने अपनी रिवॉल्वर से सुनीता को कनपटी पर गोली मार दी। सेफ में रखे लाखों रुपये और जेवरात ले लिए। सेफ में रखे बहनोई के रिवॉल्वर को सुनीता के हाथ में रखकर अपनी रिवॉल्वर का खोखा उसमें डाल दिया। बुलेट वहां से लेकर दिल्ली चुंगी पर छोड़ दी, जिससे पति पर हत्या का शक जाए। इसके बाद वह ई-रिक्शा से भैसाली अड्डे पहुंचा और बस से दिल्ली चला गया। वारदात के अगले दिन राधेश्याम से सूचना मिलने के बाद वह पत्नी के साथ मोर्चरी पहुंच गया। अंतिम संस्कार में गांव में बिलखता रहा। पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया है।