मेरठ 27 जून (प्र)। मेरठ शहरी क्षेत्र में आबादी के बीच मानकों के विपरीत स्थापित विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों के गैस गोदाम शहर से बाहर होंगे। इसके लिए फिर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीएम के निर्देश पर खाद्य पूर्ति विभाग ने संबंधित पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दोबारा रिपोर्ट मांगी है। फरवरी माह में भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन पांच माह से पेट्रोलियम कंपनियां चुप्पी साधे बैठी हैं। पिछले दिनों हुई समीक्षा के दौरान डीएम ने रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने को लेकर नाराजगी भी जताई थी।
बता दें कि कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने इसी साल जनवरी में डीएम से मिलकर शिकायती पत्र दिया था। इसमें विधायक ने बताया था कि शहर में आबादी क्षेत्र में पेट्रोलियम कंपनियों के एलपीजी गैस गोदाम संचालित हैं। नियम विरुद्ध चल रहे गैस गोदाम कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इन गैस गोदामों को आबादी क्षेत्र से बाहर किया जाए। डीएम ने खाद्य पूर्ति विभाग को कार्रवाई के लिए कहा था । खाद्य पूर्ति विभाग ने इंडियन आयल कार्पाेरेशन लिमिटेड (आइओसीएल), भारत पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को छह फरवरी को पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही आबादी के अंदर संचालित गोदामों से संबंधित सूची भी देने के लिए कहा गया था।
कोई अप्रिय घटना हुई तो जिम्मेदार होंगी कंपनियां
प्रकरण में प्रभावी कार्रवाई न किए जाने व रिपोर्ट न देने से नाराज खाद्य पूर्ति विभाग ने जारी किए गए नोटिस में चेतावनी देते हुए कहा है कि गैस गोदाम के कारण कोई भी अप्रिय घटना होने पर पूर्ण रूप से संबंधित पेटोलियम कंपनी जिम्मेदार होगी । आबादी क्षेत्र में इस्टर्न कचहरी रोड पर मै. पेट्रोल सप्लाई एंड कंपनी रिटेल आउटलेट के पास भी एलपीजी गैस गोदाम स्थापित है।
जिला पूर्ति अधिकारी विनय सिंह का कहना है कि गैस गोदाम को शहर में आबादी क्षेत्र से बाहर करने के लिए संबंधित पेट्रोलियम कंपनी को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।