Saturday, September 7

मराठाओं और जाटों के साथ बिश्नोई समाज भी हो सकता है आरक्षण की लड़ाई में शामिल

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जाट और मराठा मिलकर लड़ेंगे आरक्षण की लड़ाई। बीते दिवस दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में अराजनैतिक संगठन अखिल भारतीय जाट महासभा के अधिवेशन में केंद्र में जाट आरक्षण लागू कराने का मुददा उठाया गया और इसे तुरंत लागू कराने की मांग की गई। इस अधिवेशन में जाट सहासभा के उत्थान के विषयों के साथ मराठाओं द्वारा आरक्षण के लिए किए जा रहे संघर्ष पर विशेष चर्चा उपरांत तय हुआ कि जाट और मराठा मिलकर लड़ेंगे आरक्षण की लड़ाई। सम्मेलन में मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान का कहना था कि कौम की आवाज उठाता रहूंगा। भले ही मुझे दंड क्यों ना भुगतना पड़े। सम्मेलन में जाटों को संगठित करने के लिए राष्टीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि इनमें ग्राम अध्यक्ष बनाए जाएंगे। 13 प्रदेशों से जाट नेताओं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह भी शामिल हुए। युद्धवीर सिंह को 84 खाप पंचायतों की तरफ से लाई गई पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। पूरे देश से आए लोगों की उपस्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सुबह दस बजे से ही महाअधिवेशन में लोग पहुंचने लगे थे। 12 बजे तक आठ हजार लोग पहुंच चुके थे। इसमें हरियाणा और अन्य प्रदेशों की सरकारों में शामिल बड़े नेताओं ने साझेदारी की और दहेज की कुरीतियों को खत्म करने पर चर्चा की। अंत तक इस सम्मेलन में तय हुआ कि जाट और मराठा साथ मिलकर तेज करेंगे आरक्षण की लड़ाई।
अंकित बिश्नोई नेे कहा लोग आरक्षण की लड़ाई
एक प्रश्न के उत्तर में अखिल भारतीय बिश्नोई मिलन के संस्थापक राष्टीय महासचिव अंकित बिश्नोई और बिश्नोई समाज के नेता महेंद्र सिंह बिश्नोई का इस बारे में कहना था कि बिश्नोई समाज के भी देशभर में वोट तो सभी राजनीतिक दल बटोरने में लगे रहते है।। चुनाव से पूर्व वादे भी किए जाते हैं लेकिन जिस प्रकार से अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को राजनीति में भागीदारी दी जा रही है उस हिसाब से बिश्नोई समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। जल्द ही समाज के लोगों को संगठित कर देशभर में जाट और मराठाओं के साथ बिश्नोई समाज भी लड़ेगा आरक्षण और सुविधाओं की लड़ाई। इस बारे में अंकित बिश्नोई का यह कथन सही लगा कि सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की जाएगी और समाज के सामने अपनी बात रख बिश्नोई समाज के बुजुर्गो के सामने अपनी बात रख उनके मार्गदर्शन में रूपरेखा तैयार करने के प्रयास किए जाएंगे। लेकिन जो नजर आ रहा है कि जो बोलता है उसे ही मिलता है इसलिए अब आवाज बुलंद करने की कोशिश कर भावी पीढ़ी के सामने आने वाली चुनौतियों को सरल बनाना जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के पाली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गत दिवस कहा कि सरकार दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ पटटी बांध लेती है। हम विकास को प्राथमिकता देंगे से भी यह बात स्पष्ट होती है कि पीएम सभी के विकास की बात करते हैं। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगें। अगर मराठाओं के साथ अपनी बात रखी गई तो आरक्षण की इस समस्या का समाधान आसानी से हो सकता है।

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