मेरठ 21 अप्रैल (प्र)। भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय मंत्री अजीत सिंह के बेटे ने साथी संग मिलकर अब्दुलापुर गांव के बोर्ड पर कालिख पोतकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। भीड़ ने उनकी कार का पीछा कर गंगानगर में दबोच लिया। भीड़ से छुड़ाकर गंगानगर पुलिस युवक को थाने ले गई। इसके बाद भावनपुर पुलिस को सौंप दिया। दिनभर थाने पर आरोपित को छुड़ाने वालों का तांता लगा रहा। नामजद तहरीर को अज्ञात में बदलवाकर मुकदमा दर्ज किया। वीडियो को आधार बनाकर पुलिस ने आरोपित का नाम मुकदमे में बढ़ा दिया। साथ ही थाने से जमानत देकर रिहा कर दिया।
गंगानगर के अम्हेड़ा गांव निवासी अजीत सिंह का 22 वर्षीय बेटा आयुष सिवाच अपने साथी के साथ शनिवार रात भाजपा का झंडा लगी स्कार्पियो में सवार होकर अब्दुल्लापुर गांव पहुंचा। गांव में शिया समुदाय की तरफ से लगे हुसैनी चौक के बोर्ड पर कालिख पोत दी। तभी वहां से गुजरने वाले लोगों ने कार सवार युवकों को बोर्ड पर कालिख पोतते हुए देख लिया भीड़ ने उनकी घेराबंदी की तो आयुष कार में सवार होकर साथी के साथ भाग निकला। अब्दुल्लापुर के लोगों ने उनका पीछा किया। आयुष ने कुछ दूरी पर अपने साथी को कार से उतार दिया। उसके बाद पीछे से आए ग्रामीणों ने मीनाक्षीपुरम में आयुष की कार को घेरकर रोक लिया। भीड़ के घेराबंदी करने पर उसे कार से नीचे उतारा गया। इसी बीच गंगानगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। भीड़ के कब्जे से छुड़ाकर पुलिस आयुष को अपने साथ ले गई। उसके बाद भावनपुर पुलिस को सौंप दिया।
भावनपुर थाने पर अब्दुल्लापुर निवासी सैय्यद फैजी नकवी की तरफ से पहले आयुष सिवाच के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई। इसके बाद दिनभर भाजपा नेताओं की सिफारिश के चलते तहरीर को अज्ञात में बदल दिया गया।
इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि अज्ञात में दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वीडियो के आधार पर मुकदमे में आयुष सिवाच का नाम उजागर किया गया है। इसके बाद आयुष को थाने से 41ए का नोटिस देकर छोड़ दिया। पुलिस ने मौके से लेकर आयुष को पकड़ने तक की सभी वीडियो को कब्जे में ले लिया है। गांव का माहौल खराब न हो, इसके लिए पुलिस बल लगा दिया है।
एसपी देहात डा. राकेश मिश्रा ने बताया कि अब्दुल्लापुर के बोर्ड पर कालिख पोतकर माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एक आरोपित को भीड़ ने मौके से पकड़कर पुलिस को सौंपा था। जमानतीय अपराध का मुकदमा होने से एक आरोपित को थाने से जमानत दे दी गई है।