Thursday, July 31

लिंक मार्ग खुलने और आवागमन में बांधा बने आशीर्वाद नर्सिंग होम पर चले बुलडोजर, इस बिल्डिंग में खुली दुकानें हो सकता है अवैध निर्माण

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मेरठ 01 जुलाई (घुमंतू संवाददाता)। शहर के हजारों लोगों को आवागमन में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई दशक से प्रस्तावित बागपत और रेलवे रोड के बीच का लिंक मार्ग आखिर कब खुलेगा और इसमें जबरदस्ती बाधा बन रहे आशीर्वाद नर्सिंग होम और इसी बिल्डिंग के किरायेदारों के खिलाफ नियमानुसार प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी के प्रयासों को फायदा आम नागरिकों को कब मिल पाएगा यह विषय आजकल चर्चा का बना हुआ है।
जानकार बताते है कि कुछ वर्ष पूर्व दिल्ली रोड से होकर बागपत रोड और कैन्ट में आने जाने वाले नागरिकों को राहत पहुंचाने और इस मुख्य मार्ग पर आवागमन का बोझ कम करने के दृष्टिकोण से लिंक मार्ग का प्रस्ताव बना। लगभग 10 साल मेरठ विकास प्राधिकरण की फाईलों में दबा रहा साथ ही कभी किसी विभाग का अड़ंगा और कभी किसी के कारण प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पा रहा था। एक दिन जन समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी के कानों तक यह बात पहुंची तो वो अपने सहयोगियों के साथ प्राधिकरण कार्यलय पहुंचे और अधिकारियों की नानुकर करने के बाद भी बताते है कि जो प्रस्ताव कई वर्षों में आगे नहीं बढ़ा था वो 8 घंटे में चालू हो गया। पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल कैन्ट विधायक अमित अग्रवाल और वाजपेयी जी आदि ने अपने अपने स्तर पर प्रयास किया तो लिंक मार्ग का निर्माण शुरू हो गया। अब पिछले कई माह से यह उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। बताते है कि इसके लिए जो जांच कमेटी बनी उसमें शामिल लोक निर्माण विभाग के एक्सियन मेडा के सचिव मुख्य अभियंता सदर तहसील के एसडीएम पिछले काफी समय में कोई निर्णय नहीं ले पाए आखिर क्यों यह तो वहीं जाने। बताते है कि लगभग दो हजार मीटर लंबा यह रास्ता खुल जाने से लाखों लोगों को यातायात की सुविधा प्राप्त होगी तथा बेसकिमती पेट्रोल डीजल एवं समय की भी बचत होगी। जानकारों में चर्चा अनुसार बागपत रोड पर स्थित आशीर्वाद नर्सिंग होम इसमें मुख्य बाधा बताते है। चर्चा अनुसार इसका मुआवजा तय नहीं हो पा रहा है। लेकिन मजे की बात यह है कि इसमें कुछ जमीन गलत तरीके से सेना की दबाई हुई है अपनी जमीन नर्सिंग होम संचालक की कितनी है और इसकी और जो नाला और सरकारी जमीन घेरकर अवैध रूप से नर्सिंग होम बनाया गया है तथा पिछले कई दशक से नर्सिंग होम संचालक यहां मेडिकल स्टोर पैथलॉजी लेब फाईनेंस कंपनी आदि खुलवाकर उसका भी किराया खा रहे है। सही गलत का तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। मगर यह पक्का है कि नर्सिंग होम का यह निर्माण अवैध है और ज्यादातर सरकारी भूमि पर बना है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि एक तरफ तो मेडा और नगर निगम अवैध निर्माण हटाने के लिए अभियान चला रहा है। दूसरी तरफ मुआवजा देने की तैयारी चल रही है आखिर क्यों। लिंक मार्ग अभी तक नहीं खुलने से नाराज कुछ नागरिकों का कहना है कि क्योंकि नर्सिंग होम संचालक पिछले कई दशक से इस बिल्डिंग में नर्सिंग होम चलाकर और किराये पर उठाकर काफी पैसा कमा चुका है। इसे तुड़वाकर इसका खर्चा भी नर्सिंग होच संचालक से लिया जाए। अगर कुछ भूमि नर्सिंग होम संचालक की है भी तो अब तक जो किराया इसके द्वारा लिया गया और नर्सिंग होम से जो कमाई हुई उसे उसमें अगर ही समाहित कर तुरंत रास्ता खुलवाया जाए।
नगरिकों का मेरठ मंड़लायुक्त और डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी से आग्रह किया जा रहा है कि वो अब इस लिंक मार्ग को खुलवाने में किसी भी प्रकार की देर न करें। जहां तक जांच कमेटी की बात है तो उससे जल्दी उम्मीद करना सही नहीं है। वाजपेयी जी अब तो आप ही नागरिकों की परेशानी को हल करा सकते है। बागपत रोड निवासी एक सज्जन का यह भी कहना था कि इस नर्सिंग होम के संचालक और बिल्डिंग के निर्माणकर्ता डा0 प्रदीप बंसल को बुलाकर यह पूछा जाए कि यह कौन से सन में बनी थी सेना की जमीन किसकी अनुमति से घेरी गई और जो रोड बाईडिंग और नाले की जमीन पर अवैध निर्माण है क्या उसकी अनुमति ली गई थी और अगर नहीं ली गई तो इसके लिए डाक्टर साहब से जबाव मांगा जाए और जो भी कार्रवाई हो सकती हो वो करते हुए सबसे पहले यह लिंक मार्ग खुलवाने की व्यवस्था हो जिससे दिल्ली रोड पर यातायात का दबाव कम हो और लोगों को आवागमन में सुविधा मिले। क्योंकि यह भी हो सकता है कि जो 60 गज जमीन आशीर्वाद नर्सिंग होम संचालक की बताई जा रही है वो नाले के पास छोड़ी जाने वाली सरकारी जमीन के साथ ही रोड बाईडिंग व हरित पट्टी की भी हो सकती है। जो भी हो लिंक मार्ग का निर्माण और उद्घाटन कराने और जनता के लिए खुलवाने में देरी नहीं की जानी चाहिए।

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