मेरठ 23 अप्रैल (प्र)। खरखौदा व मुंडाली थाना क्षेत्र की सीमा में अटोला व अतराड़ा गांव के जंगल में बह रही काली नदी में चार मृत संरक्षित पशु व अन्य के अवशेष मिलने पर हड़कंप मच गया।
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता व दोनों थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। लेकिन सीमा विवाद को लेकर तीन घंटे तक मामला दोनों थानों में उलझा रहा। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद थाना मुंडाली पुलिस को घटना की जिम्मेदारी दी गई। मुंडाली पुलिस ने सभी मृत संरक्षित पशुओं को नदी से बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम करा कर गड्ढे में दबा दिया।
मंगलवार सुबह जब मुंडाली थाना क्षेत्र के गांव अटोला निवासी व खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव अतराड़ा निवासी किसान अपने-अपने खेतों में काम करने पहुंचे तो काली नदी में चार मृत संरक्षित पशु व अन्य के अवशेष मिले। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी खरखौदा पुलिस को दी। बाद में सूचना पर विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री शेखर त्यागी, हर्ष शर्मा जिला विद्यार्थी प्रमुख, अतुल त्यागी प्रखंड अध्यक्ष, कुलदीप धर्माचार्य सहित विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कई कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए।
खरखौदा पुलिस ने घटनास्थल थाना मुंडाली क्षेत्र का बताते हुए जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी। इसके बाद मुंडाली पुलिस मौके पर पहुंची। करीब तीन घंटे तक दोनों थाना पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद थाना मुंडाली को घटना की जिम्मेदारी दी गई।
मुंडाली पुलिस ने जेसीबी से सभी मृत पशुओं को नदी से बाहर निकलवाया तथा पशुपालन विभाग की टीम को मौके पर बुलाकर पोस्टमार्टम भी कराया।
उधर, ग्रामीणों का कहना है कि मृत संरक्षित पशु तो काली नदी के अंदर तथा अवशेष काली नदी के किनारे पर मिले हैं। मौके पर मिले अवशेष गोकशी के बाद के हैं। सीओ किठौर प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि संरक्षित पशुओं की मीत नदी के दलदल में घुसने से हुई है। मुंडाली थाना पुलिस ने मृत पशुओं का पोस्टमार्टम कराया है। अवशेष मिलने की पुलिस जांच कर रही है।