मेरठ 18 मई (प्र)। नगर निगम से फर्जी तरीके से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में सुपरवाइजर समेत छह लोगों के खिलाफ देहली गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि सुपरवाइजर की मिलीभगत से फर्जी रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। अब जांच में मामला खुला तो नगर निगम ने मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। अब पुलिस मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मामला करीब एक साल पुराना है लोहियानगर थाना अंतर्गत रसूलनगर निवासी चांद सैफी ने बताया कि उनके पिता मो. हनीफ सैफी का इंतकाल 25 मई 2023 को रजबन बाजार कैंट में हुआ था, जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र सौतेले भाई शादाब सैफी ने घर पर होना बताकर नगर निगम से फर्जी शपथ पत्र और सुपरवाइजर से रिपोर्ट लगवा कर प्राप्त कर लिया। जब रजबन में निधन हुआ तो कैंट से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए था। ऐसा केवल संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से किया गया। जब नगर निगम में शिकायत हुई तो सफाई निरीक्षक अजय शील की जांच में फर्जी तरीके से रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होना पाया गया। इस मामले में अपर नगर आयुक्त के निर्देश पर मृत्यु प्रमाण पत्र तो 13 जून 2023 को निरस्त कर दिया गया। अब चांद सैफी की शिकायत पर देहली गेट थाने में शादाब सैफी, सुधीश सुपरवाइजर, शाहनवाज, अरशद सैफी, शाहनवाज नौकर और अरशद सैफी नौकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ऽ देहली गेट पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने जांच के लिए निगम अधिकारियों से भी जानकारी ली है।
पहले भी आ चुके हैं इस तरह के मामलेः वैसे नगर निगम में इस तरह के पहले भी कई मामले आ चुके हैं। अब इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जा रही है। चर्चा यह भी है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर पार्षदों का भी काफी दबाव रहता है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह ने कहा कि संज्ञान में आने पर मृत्यु प्रमाण पत्र तो निरस्त कर दिया गया है। अब जानकारी हुई है कि सुपरवाइजर और गवाह आदि के खिलाफ शिकायतकर्ता ने एफआईआर दर्ज करा दी है। मुझसे भी जानकारी ली गई है