नई दिल्ली 02 नवंबर। विपक्षी नेताओं के फोन पर हैकिंग से जुड़ी चेतावनी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. मामले की जांच शुरू करते हुए ऐपल कंपनी को नोटिस भेजा गया है, इलेकट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने आइफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल को इस संबंध में एक नोटिस भेजा है. आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम मामले की जांच कर रही है और ऐपल को नोटिस भेजा गया है.
बता दें कि बीते 31 अक्टूबर को विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया था कि उनको ऐपल कंपनी से फोन हैकिंग अलर्ट का मैसेज आया है, जिसका उन्होंने स्क्रीनशॉट भी शेयर किया था. अलर्ट मैसेज में सरकार प्रायोजित हमलावरों द्वारा उनके फोन को हैक करने की कोशिश किए जाने की बात कही गई थी. इसके बाद शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर मामले की जांच करने का आग्रह किया था.
जिन सांसदों को फोन हैकिंग का अलर्ट मैसेज आया था, उसमें शशि थरूर, सीताराम येचुरी, प्रियंका चतुर्वेदी, महुआ मोइत्रा सहित कई नेताओं के नाम शामिल हैं. वहीं इन आरोपों के तुरंत बाद बीजेपी नेताओं ने जमकर पलटवार किया और कहा कि ये लोगों को भटकाने की कोशिश की जा रही है. वहीं आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि ये अलर्ट मैसेज 150 देशों में गया है. वहीं ऐपल कंपनी ने भी बयान जारी किया था.
ऐपल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘वह खतरे की सूचनाओं के लिए किसी देश की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराती है.’ कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं.’