मेरठ 17 जनवरी (प्र)। सेंट्रल मार्केट में संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं। आवास विकास इंजीनियर ने सेंट्रल मार्केट में बने तीन मंजिल कांप्लेक्स में दुकान करने वाले 11 लोगों को चिह्नित करते हुए उनकी दुकान पर नोटिस चस्पा किया। इसके साथ उन्हें 17 मार्च तक दुकानें व कांप्लेक्स खाली करने का अल्टीमेटम भी दे दिया है। आवास विकास इंजीनियर कांप्लेक्स में दुकान व शोरूम खोलने वाले 22 लोगों की दुकानों व शोरूमों में नोटिस चस्पा कर चुके हैं। नोटिस चस्पा होने से व्यापारियों में खलबली मची हुई है।
आवास विकास इंजीनियर अफताब अहमद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है। जब तक सुप्रीम कोर्ट से दूसरा आदेश नहीं आ जाता। जब तक पहले आदेश पर कार्रवाई जारी रहेगी। गुरुवार को आवास विकास परिषद की टीम सेंट्रल मार्केट में पहुंची। दुकान व शोरूम के मालिकों से बातचीत की। इसके साथ उनके नाम नोट करके उनके नाम नोटिस बनाकर उनकी दुकान पर चस्पा किए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश बताकर 17 मार्च तक दुकान व शोरूम खाली करने के लिए कहा। शोरूम के बाहर नोटिस चस्पा होते ही दुकानदारों में खलबली मच गई। इससे पहले भी आवास विकास की टीम 11 लोगों की दुकानों पर नोटिस चस्पा कर चुकी है। आवास विकास इंजीनियर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आर्डर है कि 17 मार्च तक शोरूम को खाली कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है।
आवास विकास इंजीनियरों से मारपीट बना ध्वस्तीकरण का कारण !
आवास विकास की आवासीय जमीन पर तीन मंजिला कांप्लेक्स का निर्माण चल रहा था अवैध निर्माण रोकने के लिए आवास विकास के इंजीनियर मौके पर पहुंचे। आरोप है कि शोरूम मालिक ने तत्कालीन आवास विकास इंजीनियर के साथ मारपीट की नौचंदी थाने में एक व्यापारी के खिलाफ मारपीट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा हुआ। इसके बाद कोर्ट में आवास विकास इंजीनियर से मारपीट का जिक्र किया गया। आवास विकास परिषद ने भी कोर्ट में पूरी पैरवी की। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया है।
दो महीने का टाइम बचा है शोरूम खाली करने में
शोरूम व दुकानों में नोटिस चस्पा होते ही करोड़ों रुपये की दुकान व शोरूम के मालिकों में खलबली मची हुई है। अब उनके पास शेष दो माह का समय बचा हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि दो महीने में वह अपना शोरूम खाली करके कहा जाएंगे। वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे करोड़ों रुपये की लागत से उन्होंने शोरूम खरीद था उन्हें नहीं पता था कि शोरूम में कोर्ट का केस चल रहा है। उन्हें धोखे में रखकर शोरूम को बेचा गया।
प्रशासनिक अफसरों की देखरेख में होगा ध्वस्तीकरण
आवास विकास इंजीनियरों का कहना है कि तीन मंजिला कांप्लेक्स का ध्वस्तीकरण प्रशासनिक टीम की देखरेख में होगा। उनकी टीम ध्वस्तीकरण का काम करेगी जबकि प्रशासनिक व पुलिस प्रशासन वहां पर मौजूद रहेगा उनकी देखरेख में ध्वस्तीकरण होगा अगर किसी ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान हंगामा किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उल्लंघन की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।