
मेरठ 06 जून (प्र)। सेन्ट्रल मार्किट में एक तरफ तो आवास विकास रिहायशी भूखंण्डों पर कर्मशियल गतिविधियों के चलते लगभग पूरे सेन्ट्रल मार्किट को कहे अन कहे रूप में उजाड़ने का प्रयास कर रहा है। दूसरी तरफ शहर के एक प्रमुख ज्वैलर्स के सेन्ट्रल मार्किट स्थित 259/6 आवासीय भूखंण्ड पर बन रहे जैना ज्वैलर्स के शोरूम को वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कार्रवाई करने के बजाए उसे कंपाउंडिंग करने की बात कर रहा है। बताते है कि जिस जैना ज्वैलर्स का यह शोरूम बताया जा रहा है वो पिछले कई दशक से नागरिकों के मौखिक कहे अनुसार संबंधित विभागों के अफसरों से घनिष्ठा बढ़ाकर पूर्व में भी अवैध निर्माण के लिए चर्चा में रहा बताया जाता है। इसलिए ऐसा लगता है कि उसी नीति को अपनाकर आवास विकास के एक्सएन आफताब अहमद द्वारा सभी नियमों को ताक पर रख एवं इसकी कंपाउंडिंग किये जाने की बात कही जा रही है। खबर के अनुसार रोजना खबर को एक जबाव के सवाल में एक्सएन आफताब अहमद ने यह पूछने पर कि एक तरफ तो रिहायशी भूमि पर कार्मशियल कार्य किये जाने का आरोप लगाकर इसी बाजार में दुकानें तोड़े जाने की बात चल रही है तो दूसरी तरफ इसी मार्किंट में खबरों के अनुसार आवासीय भूखंण्डों पर बहुमंजिला शोरूम सरकार की निर्माण नीति के विपरित जाकर जैना ज्वैलर्स के कुछ संचालकों द्वारा बनाया जा रहा है। जिसे रोकने और नियमानुसार कार्रवाई करने की बजाए एक्सएन साहब उसे कंपाउंड की बात कर रहे है।
चित्र में जो निर्माण नजर आ रहा है उससे स्पष्ट है कि यह निर्माण कमर्शियल गतिविधि है न की आवास और इसमें मानचित्र के नियमों का पालन करते हुए निर्माण नहीं हो रहा है दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि माननीय न्यायालय द्वारा आये दिन लगने वाले जाम की समस्याओं से नागरिकों को छुटकारा दिलाने तथा शहरों के सौन्दर्यकरण और सुनियोजित विकास आदि को ध्यान में रखते हुए अवैध निर्माण शमन शुल्क करने के पूर्ण रूप से प्रतिबंध के आदेश दिये गये बताते है। और वर्तमान यूपी सरकार भी ऐसे ही आदेश कई बार दे चुकी है। प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के बयान आ चुके है कि अवैध निर्माणकर्ताओं भूमाफियाओं और कच्ची कालोनी काटने व कटवाने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई जिलों में ऐसे मामलों में कार्रवाई भी हुई है। इन सभी तथ्यों की जानकारी सामने आने पर आवास विकास के एक्सएन आफताब अहमद की भूमिका संदिग्ध नजर आती है।
माननीय मुख्यमंत्री जी विभाग के एई जेई और अफसरों की कार्यप्रणाली को देखकर यह पूर्ण रूप से स्पष्ट हो रहा है कि इनके द्वारा भले ही सरकार का ध्यान भटकाने या अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए छोटे छोटे सिर छिपाने के लिए बनाये गये घरों पर तोड़फोड़ या सील की कार्रवाई कर ली जाए मगर बड़े धनवानों को बचाने के लिए यह हर हथकंड़ा अपनाने में अग्रणी है। कहीं नियमों की व्यवस्था देंगे तो कहीं पुलिस न मिलने की बात करेंगे। प्रतिबंध के बावजूद शमन किये जाने की बात भी करेंगे लेकिन अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए उन्हें बचाने के लिए सरकार की निर्माण नीति कितना ही प्रभावित हो उसे राजस्व का कितना ही नुकसान हो शहर में चारों तरफ जाम की समस्या कई बार दिन में सामने आती हो मगर बिलकुल सड़क से निर्माण करने वालों की कोई गलती एक्सएन आफताब अहमद और उनके सहयोगियों को दिखाई क्यों नहीं देती। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मेरठ मंडलायुक्त जी के माध्यम से किसी जानकार प्रशासनिक अधिकारी से जैना ज्वैलर्स के इस भव्य अवैध निर्माण अगर कंपाउंडिंग की गई तो कैसे की जांच कराई जाए तभी माननीय मुख्यमंत्री जी की भावनाओं के तहत शहरों का सुनियोजित विकास होगा और अवैध निर्माण तथा सरकारी जमीन पर कब्जें रूक सकेंगे।
चर्चा है कि महोदय आवास का बोर्ड लगवाकर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से किसे गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। और यह भी चर्चा है कि कौन अधिकारी है जो कार्यवाही न करने का दबाव बना रहा है।