मेरठ 15 सितंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। नाली खडं़जे रोड बटियों के अलावा इधर उधर थोड़ी ज्यादा किसी वजह से खाली पड़ी सरकारी भूमि को अपनी जाहगीर समझकर बेखौफ तरीके से उस पर दुकान व मकान का निर्माण कर कुछ लाख खर्च कर करोड़ो कमाने वाले कुछ लोगों का एक ग्रुप पिछले कुछ दशक से अपने शहर में सक्रिय है। और क्योंकि इसे जितना जानकार मौखिक रूप से बताते है आवास विकास मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा कैन्ट बोर्ड तथा नगर निगम के ऐसा होने से रोकने के लिए जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से होता बताया जाता है इसलिए सब कुछ आसानी से और गुपचुप हो जाता हैं। अगर किसी मामले में कहीं आवाज उठती है तो या तो मुठमर्द टाईप के लोग सीधे की मारपीट करने लगते है अथवा अपने पैसे के दम पर हमले कराकर या धमकियां देकर आवाज बंद करने की कोशिश की जाती है और अगर ऐसा न हो तो कुछ प्रलोभन देकर या मजबूरियों का हवाला दिखाकर समाजिक प्रभाव डलवाकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जाती है। मगर कुल मिलाकर सरकार की निर्माण नीति और नियमों के विरूद्ध हो रहे इस काम को रोकने के लिए किसी जिम्मेदार अफसर की गंभीरता नजर नहीं आती। कुछ लोगों द्वारा मौखिक रूप से दी गई जानकारी अनुसार ऐसा करने वालों के ग्रुप के सदस्यों ने शास्त्रीनगर से जागृति विहार जाने वाले मार्ग पर चाणक्यपुरी के सामने बनी अंसल कालोनी को जाने वाले रास्ते पर कुछ अपनी व सरकारी जमीन घेरकर बिना मानचित्र के फ्लैट बनाकर बेच दिये थे।
और अभी चाणक्यपुरी में गेट से प्रवेश करते ही सीधे हाथ पर पार्क के अपोजिट ऐसे ही ग्रुप के कुछ लोगों ने थोड़ी सरकारी और थोड़ी अपनी जमीन पर बिलकुल सड़क के किनारे से गलत तरीके से निर्माण कर कुछ आवास बना दिये और माननीय मुख्यमंत्री जी के पोर्टल पर हुई शिकायत का इनसे मिले कुछ विभाग के अधिकारियों ने फर्जी निस्तारण कर भेज दिया और अब वो घर लाखों में बिकने की चर्चा है और बताया जा रहा है कि निर्माणकर्ता बिना कुछ ज्यादा लगाये अवैध रूप से बने इन घरों को करोड़ों में बेचने में लगे है।
नया मामला गढ़ रोड पर स्थित होटल हारमनी इन के पीछे जिसका मार्ग मीरा एनक्लेव और जनता कालोनी से होकर जाना बताया जा रहा है वहां इसी से संबंध या अन्य ग्रुप के कुछ लोगो ने मानचित्र पास के नाम पर पूरी तौर पर अवैध कई फ्लैट जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है का निर्माण कर बेचने की तैयारी की जा रही बताई जाती है। इस बारे में कुछ जानकारों का कहना है कि इस निर्माण में कुछ सरकारी भूमि कई प्रकार से घेरी गई हैं मानचित्र पास नहीं लगता लेकिन उसके नाम पर पूरी तौर पर अवैध और सरकार की निर्माण नीति के विपरित कुछ सफेद पोशों द्वारा बेचे जा रहे है फ्लैट।
माननीय मुख्यमंत्री जी आपके द्वारा सरकारी भूमि घेरने अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का संदेश दिया जा रहा है और इसको लागू करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से मौखिक चर्चा अनुसार ऐसे अवैध निर्माण कर फ्लैट बेचे जा रहे है। सवाल यह उठता है कि इसने कर लिया तो मैं क्यों न करूं इसका कुछ नहीं बिगड़ा तो मेरा क्या बिगड़ेगा जैसी भावना इस प्रवृती के लोगों में हो रही है अगर उसे ना रोका गया तो ऐसा समय आयेगा कि कहीं नजूल या सरकारी अथवा रोड़ बाईडिंग व हरित पट्टी की भूमि ढूंढने से भी नहीं मिलेगी। और जब कार्रवाई होगी तो आंदोलन व धरने से जो माहौल बिगड़ेगा ऐसा ना हो इसके लिए जिम्मेदार अफसरों के साथ ही अवैध निर्माणकर्ता के विरूद्ध भी हो कार्रवाई जनहित में।
मुख्यमंत्री जी ध्यान दीजिए! मेडा व आवास विकास के अधिकारी क्यों है खामोश, कई प्रकार से सरकारी जमीन घेरकर दुकान व मकान बनाने वालों के हौंसले हो रहे है बुलंद, होटल हारमनी इन के पीछे फ्लैट बनाकर करोड़ों में बेचकर मुनाफा कमाने की हो रही है तैयारी
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