Monday, December 23

ईसाई समुदाय ने किया पूर्वजों को याद

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मेरठ 03 नवंबर (प्र)। कैथोलिक कब्रिस्तान में मसीही समुदाय के लोगों ने गत दिवस अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान मुद्दों की कब्रों पर फूल माला चढ़ाकर मोमबत्ती जलाई। इस मौके पर फादर पाकियानाथन ने सामूहिक प्रार्थना भी कराई। दौरान फादर ने कहा कि प्रभु हम पर दया करो, हम पर दया करो, फादर ने आत्मा की शुद्धिकरण के लिए विशेष प्रार्थना की और अनंत जीवन प्राप्ति की कामना भी की। नवीना महोत्सव के दूसरे दिन प्रत्येक वर्ष की भांति ईसाई समुदाय ने मुर्दों की इंद भी मनाई। कैथोलिक समुदाय के लोग बच्चों और महिलाओं के साथ नए नए कपड़े पहनकर सुबह से ही कब्रिस्तान में पहुंचने लगे थे। उन्होंने यहां पर कब्र की मिट्टी तरीके से लगाकर उसकी सफाई की और कब्रों को बड़े ही सुंदर ढंग से फूलों से सजाया। शाम करीब चार बजे कब्रिस्तान में विशेष प्रार्थना हुई। इसी कब्रिस्तान में बेगम समरू के वंशजों का भी मकबरा बना हुआ है।

फादर पाकियानाथन और फादर जॉन मिल्टन ने विशेष प्रार्थना कराकर मिस्सा बलिदान कराया। ईसाई समुदाय के लोगों का देर रात तक कब्रिस्तान में पहुंचने का सिलसिला जारी था। बताया कि ईसाई समुदाय अपने मृत प्रियजनों की याद में यह पर्व मनाते हैं। इस दिन कब्रिस्तान में मिट्टी में दफन हो चुके पूर्वजों को याद किया जाता है। यह उनकी भावना और अपनों से घनिष्ठता को दशार्ता है। इसीक्रम में कब्र पर फूल चढ़ाए जाते हैं। अगरबत्तियां मोमबत्तियां भी जलाई जाती हैं। पुरोहितों- फादरों की ओर से धार्मिक अनुष्ठान के बाद कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव भी किया जाता है। दो नवंबर को ईसाई समाज के लोग मृत विश्वासियों का दिन (ऑल सोल डे) यानी मुर्दों के साथ पर्व मनाते हैं। इस दिन कब्रिस्तान के अंदर ही मीसा की जाती है। यहां बिशप ईसाई समाज को अपना उपदेश देते हैं। इस दौरान चर्च के फादर भी वहां मौजूद होते हैं। विशेष प्रार्थना के बाद फादर सभी कब्रों पर उनके परिजनों के साथ जाकर प्रार्थना संपन्न कराते हैं।

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