Thursday, October 17

कमिश्नर साहब दे ध्यान! वीसी साहब सैकड़ों करोड़ खर्च कर जाम से मुक्ति दिलाने की कर रहे है बात, मेडा के सहयोगियों ने सड़क घेरकर घर में बनवा दिया आलीशान होटल, नाले की पटरी पर पार्किंग और जनरेटर रखे जाने की है चर्चा

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ, 08 अक्टूबर (प्र)। उप्र सरकार द्वारा शहरों के सुनियोजित विकास और अवैध निर्माण रोकने के लिए मेडा के अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है। वीसी साहब द्वारा आये दिन आये इस संदर्भ में दावे भी किये जाते है और इन्हें रोकने की बात भी। लेकिन इनके सहयोगी जिम्मेदार अधिकारी सरकार की निर्माण नीति की धज्जियां किस प्रकार उड़ा रहे है इसके उदाहरण के रूप में मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) से चंद कदम की दूरी पर सिविल लाइन के नेहरू रोड जैसे बेहद भीड़ वाले इलाके में एक घर के भीतर पहले कोचिंग सेंटर और अब कोचिंग सेंटर को हटाकर वहां आलीशान होटल बनवा दिया गया। बताया जात है कि यह होटल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में तैनात एक एक्सईएन ने बनवाया है। उनके भाई मेरठ में मेडा में ठेकेदारी करते हैं। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब अवैध निर्माण कराने वाले किसी प्राधिकरण के एक्सईएन हो तो फिर उनके खिलाफ मेडा भला कैसे कार्रवाई का साहस कर सकता है। यहां आलीशान होटल बनकर अब पूरी तरह से तैयार है। उम्मीद है कि इसी नवरात्र में इसका उद्घाटन भी हो जाएगा।

खतरा ही खतरा
होटल सरीखे भवनों के लिए प्राधिकरण ने कुछ मानक तय किए हैं, लेकिन इस अवैध होटल के निर्माण करने वालों ने खुद प्राधिकरण में नौकरी करते हुए प्राधिकरण के तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर पूरा होटल कवर कर दिया है। इसमें यदि कभी आग जैसा हादसा हो गया तो भागने तक का मौका नहीं मिलेगा। उस वक्त होटल में जो भी मौजूद होगा उसका क्या हश्र होगा। इसका अंदाजा संभव नहीं, लेकिन जो भी होगा वाकई जानलेवा और डराने वाला होगा। इसको एक बात यह कि होटल में एंट्री के लिए जो सीढ़ियां है वो भी सरकारी जगह पर हैं।

भले ही अवैध ही सही, लेकिन होटल जब शहर के नेहरू रोड जैसे इलाके में बनाया गया है तो यहां लोग भी आएंगे। जब यहां लोग आएंगे तो उनकी गाड़ियां भी होंगी। होटल बनाने वालों के आने वालों की गाड़ियों की पार्किंग ऐसे में या तो रोड पर होगी या फिर नाला पटरी पर सरकारी जगह पर होगी। क्योंकि जो नजर आ रहा है उसके चलते तो होटल में आने वालों के वाहनों की पार्किंग तो दूर की बात साइकिल तक अंदर जाने की स्थिति नहीं है।

नाले की पटरी पर कब्जा
होटल है तो उसके लिए भारी जनरेटर का भी इंतजाम किया है। जनरेटर रखने के लिए नाले की पटरी साइड पर सरकारी जगह पर प्लेटफार्म बनवा दिया गया है। जिस पर जनरेटर रखा जाएगा।

डीएम से शिकायत
आबादी के बीच एक घर को होटल में कनर्वट कर दिए जाने की शिकायत आसपास के लोगों ने डीएम से की है। उन्हें बताया गया है कि पश्चिमी कचहरी मार्ग से जाने वाले नेहरू रोड मार्ग पर कोठी नंबर-3 व 4 नेहरू रोड में कोचिंग सेंटर के स्थान पर एक भव्य होटल बनकर तैयार किया जा रहा है। यह पूर्ण रूप से अवैध है। होटल के सामने सरकारी जमीन पर एक बड़ा प्लेटफार्म बनाकर नाले की चार दिवारी तोड़कर उसको भी इस्तेमाल में लेते हुए इस होटल में इस्तेमाल आने वाले जनरेटर के लिए यह प्लेटफार्म बना दिया गया है। एक या दो दिन में जनरेटर रख दिया जाएगा और उसकी बिजली सड़क पार होटल में सप्लाई की जाएगी। वीआईपी एरिया ऐसा होना मेडा अफसरों पर सवाल खडे“ कर रहा है। इसको लेकर कार्रवाई की मांग की गयी है।

सवाल यह उठता है कि वीसी साहब बड़ी बड़ी बातें और घोषणाऐं करने में आजकल लगे हुए और नागरिकों को जाम से मुक्ति दिलाने और अन्य प्रकार के दावे कर अनकहे रूप में मुगेरी लाल के सपने दिखाने में लगे है। और अगर यह बात सही न होती तो सरकारी सड़क की जमीन घेरकर नजर आज यह यह होटल किसी भी रूप में नहीं बन सकता था। क्योंकि यहां से रोज ही मेडा के अनेक अधिकारी होकर निकलते है और बराबर में कचहरी है इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि यह रोड़ कितनी व्यस्थ होगी। उसके बावजूद एक तरफ वीसी साहब सैकड़ों करोड़ खर्च कर जाम से मुक्ति दिलाने की बात कर रहे है दूसरी तरफ उनके सहयोगी नागरिकों को जाम के झाम में फंसाने के लिए है सक्रिय। मजे की बात यह है कि इस होटल की पार्किंग के लिए बेसकिमती नाले की भूमि को घेरने की तैयारी चल रही है। और मेडा के जिम्मेदार अधिकारी है खामोश। जानकारों का कहना है कि मेडा के अधिकारी तो कार्रवाई करेंगे नहीं क्योंकि खुद उनकी शह पर यह बना बताते है। कमिश्नर साहब सरकार की निर्माण नीति का पालन कराने हेतु आप ही से है उम्मीद।

Share.

About Author

Leave A Reply