मेरठ, 26 सितंबर (प्र)। तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलने की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब देश भर के मंदिरों में प्रसाद का स्वरूप बदलने की तैयारी शुरू हो गई हैं। मेरठ में भी इसकी शुरआत हो गई है। मेरठ के बालाजी मंदिर के पुजारी ने 250 रुपए प्रति लीटर बिकने वाले देसी घी से पूजा करने पर रोक लगा दी हैं। उनका कहना है कि 250 रुपए प्रति लीटर में शुद्ध घी नहीं मिल सकता। ऐसे में अशुद्ध घी से मंदिर की अखंड ज्योत नहीं जला सकते। अब यहां कंपनी द्वारा प्रमाणित घी से ही पूजा अर्चना होगी।
मेरठ के वेस्ट एंड रोड़ स्थित बालाजी मंदिर के महामंडलेश्वर महंत महेंद्र दास जी महाराज ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाने की घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया ज रहा हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर में देशभर से लोग आते हैं। ये सभी लोग बालाजी भगवान के दर्शन करने के बाद प्रसाद स्वरूप लड्डू अपने घर लेकर जाते हैं। और अपने परिचितों में प्रसाद भी बांटते हैं। ऐसे में उन्हें पता नहीं होता कि जिस प्रसाद को लोगों में बांट रहे हैं, उसमें चर्बी मिली है।
महामंडलेश्वर महंत महेंद्र दास जी महाराज ने कहा घी से अखंड ज्योत के साथ प्रसाद भी बनाया जाता है। मार्केट में मिलने वाला सस्ता घी 250 रुपए लीटर मिलता है। जबकि दूध का रेट 60 से 70 रुपए लीटर है। ऐसे में दुकानदार ढाई सौ रुपए लीटर घी कैसे बेच सकता है। मंदिर में प्रसाद भी घी से बनाया जाता है। सुबह शाम सैकड़ों लोग पूजा करने आते हैं। सस्ता घी लेकर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। इन्हीं वजह से मंदिर के बाहर सस्ता घी लेकर आने पर रोक लगाने का बोर्ड लगा दिया गया है। अब भगवान को पंचमेवा, फल, बताशा और रामदाने का भोग लगाया जाएगा।