नई दिल्ली 21 अक्टूबर। चुनावी सीजन को देखते हुए देश में हेलीकॉप्टरों की डिमांड बढ़ गई है। बड़े राजनीतिक दल लगभग अपने प्रचार के लिए नेताओं को रैलियों में भेजते हैं। जिसके लिए प्लेन या हेलीकॉप्टर हायर किए जाते हैं। लेकिन इस बार काफी डिमांड हेलीकॉप्टरों की दिख रही है। किराये की बात करें, तो इसमें 25 से 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हो चुकी है।
फिलहाल पांच राज्यों तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और मध्य प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। अगले साल लोकसभा इलेक्शन है। जिसके बाद माना जा रहा है कि डिमांड और किराये में अगले 6 से 8 महीने में 3 गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है। अभी चेन्नई में हेलीकॉप्टर का एक घंटे का किराया साढ़े 4 लाख और हैदराबाद में 6 से पौने 8 लाख तक चल रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में 254 चार्टर्ड हेलीकॉप्टर रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 190 डिफेंस और पब्लिक सेक्टर के लिए रिजर्व किए गए हैं। बाकी 60-70 हेलीकॉप्टर चुनाव में लगे हुए हैं। अमेरिका की बात करें, तो वहां करीब 10 हजार चार्टर्ड हेलीकॉप्टर हैं। हेलीकॉप्टर इंडस्ट्री में कई कंपनियां सेवा उपलब्ध करवाती हैं। जिसमें हेलीगो चार्टर्स, पवन हंस, ग्लोबल वेक्ट्रा, हिमालयन हेली सर्विसेज और हेरिटेज एविएशन का नाम प्रमुख है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अभी हेलीकॉप्टरों की डिमांड में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल राजनीतिक दल की बात करें, तो सबसे ज्यादा डिमांड भाजपा से हेलीकॉप्टर की हो रही है। वहीं, क्षेत्रीय दलों की ओर से भी अपने नेताओं के लिए हेलीकॉप्टर रिजर्व किए गए हैं। आम दिनों की बात करें, तो सिंगल इंजन के हेलीकॉप्टर का किराया 1498 रुपये तक चार्ज किया जाता है। जबकि डबल इंजन के लिए शर्त ढाई हजार रुपये होती है। इलेक्शन सीजन में इन्हीं हेलीकॉप्टरों की डिमांड सबसे अधिक है।