लखनऊ 03 नवंबर। योगी सरकार ने कोरोना काल में तय समय में आवेदन न कर पाने वाले पात्रों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ देने का फैसला किया है। शासन स्तर पर यह फैसला किया गया है कि 15 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 तक के दावे जिसे 27 अगस्त 2022 तक तहसील कार्यालयों में प्रस्तुत कर दिया गया है, उनके परिजनों को लाभ प्रदान किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक यदि किसी किसान की मौत या दिव्यांगता 14 मार्च 2020 को हुई है और कोरोना के कारण 75 दिन में अर्थात 28 मई 2020 के बाद लेकिन 28 फरवरी 2020 से 180 दिन 27 अगस्त 2022 तक आवेदन कर दिया है तो उसे योजना का लाभ दिया जाएगा।
इसी तरह किसी किसान की 15 मार्च 2020 को मौत हो गई या फिर दिव्यांग हो गया है तो इससे 75 दिन यानी एक जनवरी 2020 से 28 फरवरी 2022 तक के कालातीत दावे जो 27 अगस्त 2022 तक प्राप्त हो गए और विलंब के चलते निरस्त कर दिए गए या विचाराधनी हैं तो इनको भी योजना का लाभ दिया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना राज्य की एक सामाजिक सुरक्षा कल्याण योजना है। इसके लिए राजस्व विभाग ने 28 फरवरी 2020 को शासनादेश जारी किया था। इसमें आवेदन प्रस्तुत करने की अधिकतम सीमा 75 दिन निर्धारित की गई थी। इसके बाद इस अवधि को बढ़ाकर छह माह कर दिया गया। प्रदेश के कुछ जिलधिकारियों ने शासन को जानकारी दी कि कोरोना काल की अवधि में योजना के तहत कई दावे देरी से प्रस्तुत हुए। डीएम स्तर पर देरी से प्रस्तुत दावों को निरस्त कर दिया गया।