मेरठ 08 नवंबर (प्र)। मेरठ के न्यूटिमा अस्पातल के खिलाफ यूपी के डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जांच का आदेश दिया है। डिप्टी सीएम ने सीएमओ को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। डिप्टी सीएम ने सोशल मीडिया पर पूरे मामले का संज्ञान लेकर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। यह भी कहा है अगर जांच मे अस्पताल दोषी मिला तो एकशन लिया जाए।
डिप्टी सीएम इस संबंध में एक्स (पूर्व में ट्वीटर) और अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि न्यूटिमा अस्पताल में बिना मानक दवाई लेने संबंधी प्रकरण संज्ञान लेते हुए सीएमओ को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर जांच में अस्पताल में दोषी पाया जाता है तो अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग का कहना है कि वह जांच के लिए तैयार हैं। अगर जांच में वह दोषी हैं तो कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर निर्दोष हैं तो जो लोग इस तरह के फर्जी आरोप लगा रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाए।
पूरे मामले को न्यूटिमा अस्पताल में बच्चे के इलाज के बिल को लेकर हंगामे से जोड़कर देखा जा रहा है। दौराला क्षेत्र के गांव मवी मीरा निवासी सोनम के मासूम बच्चे को तबियत खराब होने पर न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार शाम बच्चे की छुट्टी कर दी गई और करीब पांच लाख रुपये का बिल बना। इनमें से साढ़े तीन लाख रुपये परिजनों ने दे दिए, लेकिन डेढ़ लाख रुपये देने से मना कर दिया। पैसों को लेकर अस्पताल स्टाफ और बच्चे के परिजनों में कहासुनी हुई। परिजनों ने सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान को फोन कर बुला लिया। सपा विधायक ने भी इस पर नाराजगी जताई और बिना बाकी बिल दिए ही परिजन बच्चे को ले गए। इस पर मंगलवार को न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग ने बयान जारी किया कि यह दबंगई है। अगर चिकित्सकों के साथ इस तरह किया जाएगा। मरीजों को बिना बिल का भुगतान किए इस तरह ले जाया जाएगा तो चिकित्सकों का मरीजों का इलाज करना मुश्किल होगा।