मेरठ 12 जून (प्र)। पुराना मोबाइल न तो फेंकें और न ही किसी को बेचें। नहीं तो आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। साइबर अपराधियों का गैंग पुराने मोबाइल को एकत्र करने में लगा है साइबर ठग पुराने मोबाइल को ठीक कराकर उसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी में कर रहे हैं। पुलिस की जांच में आरोपी वह बन रहा है, जिसके नाम से मोबाइल पहले पंजीकृत होता है। इसके मद्देनजर साइबर टीम ने एडवाइजरी जारी की है।
साइबर थाना प्रभारी सुबोध कुमार सक्सेना ने बताया कि पिछले एक महीने में जनवरी से अब तक 150 से अधिक शिकायतें इस प्रकार की आ चुकी हैं। लोग सोचते हैं कि उनका फोन खराब हो गया है। चंद रुपये के लालच में वे फोन बेच देते हैं क्योंकि फोन उनके नाम पर ही होता है तो साइबर अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। वह अपराध करने में इस फोन का प्रयोग करते हैं। ऐसे में बिना कुछ किए भी फोन मालिक अपराधी बन जाता है।
जालसाज दे रहे साइबर अपराध को अंजाम
पहला तरीका अपराधी पुराने मोबाइल का डाटा रिकवर करा लेते हैं उसके आधार पर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। दूसरा तरीका पुराने मोबाइलों को ठीक कराकर उन्हें आपराधिक गिरोह को बेच दिया जाता है। यह गिरोह आपराधिक घटना को अंजाम देने में इनका प्रयोग करता है।
पूरा गैंग कर रहा काम
कुछ जिलों में मामले सामने आए हैं कि साइबर अपराधियों का गैंग फेरी लगाकर फलों रुपयों और अन्य सामान के लालच में पुराने और निष्प्रयोज्य मोबाइल फोन खरीद रहे हैं। गैंग के सदस्य ग्रामीण इलाकों से मोबाइल इकट्ठा कर साइबर अपराधियों को बेच देते हैं।
बरतें सावधानी
नोडल अधिकारी एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि प्रयास करें कि पुराना मोबाइल न बेचें और अगर बेचना पड़े तो अपने परिचितों को दें। उसके बिल और आइएमईआई नंबर के आधार पर विधिवत लिखा-पढ़ी कर लें। यदि मोबाइल पूरी तरह से खराब हो गया है, तो पैसों के लालच में आकर किसी अनजान व्यक्ति को न बेचें। उसको अपने पास रखें या नष्ट करने के बाद फेंकें।
केस-1 दिल्ली में हुए कपड़ा व्यापारी के अपहरण के मामले में बदमाशों ने लूट के मोबाइल का इस्तेमाल किया था, इस मामले दिल्ली की स्पेशल टीम ने लिसाड़ी गेट इलाके में दबिश दी, युवक ने बताया कि एक सप्ताह पहले उसका मोबाइल बदमाशों ने लूट लिया था। इस मामले में थाने में शिकायत की थी।
केस-2 मेडिकल थाना क्षेत्र निवासी विकास ने बताया कि उसके पेटीएम से साइबर ठगों ने 27 हजार रुपये निकाल लिए थे। साइबर टीम ने जांच की तो पता चला कि युवक ने अपना पुराना फोन फेरी वाले को बेच दिया था साइबर अपराधियों ने उसका डाटा रिकवर कर उसके अकाउंट से पैसे निकाल लिए थे। ठग झारखंड के निकले।