उत्तराखंड उधमसिंह नगर की तहसील काशीपुर निवासी और रामनगर में सक्रिय डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल जी की धर्मपत्नी सेवाभाव और धार्मिक भावनाओं तथा अपनों के प्रति विशेष अपनापन रखने वाली श्रीमति अनीता अग्रवाल का बीती 4 मई 2025 रविवार को निधन हो गया। अपनी सांसारिक यात्रा संपन्न कर भगवान के चरणों में बैकुंठ धाम चली गई अनीता अग्रवाल जी का दसवां संस्कार एवं श्रद्धाजंलि गत 14 मई बुधवार को प्रातः 10 से 12 बजे तक बाजपुर रोड स्थित प्रसिद्ध तीर्थ द्रोणासागर पर संपन्न हुआ। तद्पश्चात निज निवास कृष्णा हॉस्पिटल चामुंडा मंदिर पर 1 बजे से 4 बजे तक तेहरवीं व रस्म पगड़ी संपन्न हुई जिसमें पारिवारिक मित्रों परिचितों व अपनों ने भारी तादाद में भाग लेकर स्वर्गवासी को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। व परम पिता परमात्मा से दुखी परिवार के मुख्य डाक्टर कृष्ण कुमार अग्रवाल पति डा0 कुसुम अग्रवाल नन्द डा0 मयंक अग्रवाल डा0 मौलश्री अग्रवाल प्रियांक अग्रवाल स्वाति अग्रवाल पुत्र पुत्रवधु आरव आदित्य कुशाग्री शिवांक पौत्र पौत्री सहित समस्त अग्रवाल परिवार के सदस्यों को सांत्वना देते हुए हर सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाया और भगवान से प्रार्थना की डा0 कृष्णकुमार अग्रवाल और उनके परिवार को हमेशा प्रसन्नता से परिपूर्ण करें।
क्षेत्र धार्मिक हो या सामाजिक अथवा जरूरतमंदों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने से संबंध सब में सेवा भाव से सक्रिय रहने वाले सही मायनों में कर्मवीर डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल से मेरा संबंध लगभग पांच दशक पुराना है। मैं काशीपुर में स्थित चौबे बालकृष्ण रामरूप कपड़े की फर्म पर कोई 10 साल की उम्र रही होगी नौकरी किया करता था। दुकान के मालिक लाला राम रूप जी के चार पुत्र जगदीश शरण अग्रवाल रमाकांत अग्रवाल कृष्ण कुमार अग्रवाल और जय भगवान अग्रवाल चारों ही बहुत अच्छे थे और अपने माता पिता के अच्छे संस्कारों के चलते मुझ जैसे दुकान के नौकर को भी बड़े अपनेपन और प्यार से रखते थे जब भी कभी भूख लगी और पैसे नहीं हुए तो लाला जी के घर पहुंच थोड़ा बहुत काम किया तो परिवार के जो लोग मौजूद हुआ करते थे वो बड़े प्यार से खाना भी दिया करते थे। और सबसे बड़ी बात थी कि डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल और उनकी बड़ी बहन डा0 कुसुम अग्रवाल काफी अच्छा ज्ञान भी उपलब्ध कराने की कोशिश करते थे मगर मैं अनपढ़ अंगूठाटेक ही रहा। समय बदला मैं वहां से मेरठ आ गया। एक दिन कोई डेढ दशक उपरांत डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल सदर बाजार में मिल गये तो पता चला कि वो मेरठ मेडिकल में पढ़ाई कर रहे है। यहां से डाक्टर बनकर वो कांशीपुर चले गये और फिर कोई 20 साल तक संपर्क नहीं रहा। एक दिन मैं लखनऊ में पत्रकारों के सम्मेलन का उद्घाटन करने गया हुआ था लौटते समय स्टेशन पर डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल और उनके पुत्र मयंक कुमार से मुलाकात हुई और बाद में फिर एक दो साल में डाक्टर साहब से संपर्क होने लगा इसी कड़ी में दो बार रामनगर और एक बार कांशीपुर में ममतामयी भाभी अनीता अग्रवाल जी का सानिध्य भी प्राप्त हुआ उनके द्वारा किये गये स्वागत सत्कार मुझे हमेशा याद रहता है। कुछ साल पूर्व दीपावली के बाद भाईदोज पर गोवर्धन के दिन कांशीपुर गया तो उनसे भी मिलना हुआ और एक घंटे की वह आत्मिक मुलाकात मुझे आज भी याद है। लगभग 50 साल के अंतराल में अनेकों घटनाऐं मुलाकात और मिलना जुलना हुआ लेकिन डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी श्रीमति अनीता अग्रवाल और बड़ी बहन डा0 कुसुम अग्रवाल से जो अपनापन मिला उसने बचपन की यादें जीवित कर दी। श्रीमति अनीता जी के निधन का तो पता नहीं चला लेकिन तेहरवीं व रस्मपगड़ी की खबर भी अपना मोबाइल समय से ना खोल पाने के कारण 21 मई की शाम को पता चली। तब उनके अंतिम संस्कार और रस्म पगड़ी में शामिल न होने का बड़ा अफसोस रहा। इसी के साथ श्रीमति अनीता अग्रवाल जी को अपनी श्रद्धाजंलि व मनोआंजलि अर्पित करते हुए अग्रवाल परिवार में हमेशा खुशहाली व प्रसन्नता का वास रहे यही कामना परम पिता परमात्मा से करता हूं।
संपादक पत्रकार संस्थापक ट्रस्ट आरकेबी फाउंडेशन सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन आईना व आरकेबी मीडिया सहित कई ऑन लाईन चैनल प्रिन्ट मीडिया प्रकाशन चेयरमैन रवि कुमार बिश्नोई आदि परिवार
डा0 कृष्ण कुमार अग्रवाल जी की धर्मपत्नी श्रीमति अनीता अग्रवाल हमें छोड़ पहुंची बैकुंठ धाम
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