मेरठ, 11 जनवरी (प्र) सिप्ला कंपनी द्वारा संचालित जनहित के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्रीथ फ्री यात्रा का आयोजन डॉ वीरोत्तम तोमर एमबीबीएस एमडी चेस्ट के सहयोग से किया जा रहा है। आज डॉ वीरोत्तम तोमर ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय अभियान अस्थमा से जुड़ी भ्रांति को रोकने के लिए एवं लोगों को अस्थमा के बारे में अवगत कराने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा आज से मेरठ शहर से शुरू होकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों मुजफ्फरनगर, सहरानपुर, बरेली, आगरा और गाजियाबाद जाएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को अस्थमा के बारे में जागरूक करने एवं बिना डरे इनहेलर थेरपी को स्वीकार करने हेतु समझाना है।
ग्लोबल डिजीज वर्डन 2018 के अनुसार उत्तर प्रदेश का स्थान अस्थमा प्रसार व मृत्यु दर में सबसे खराब राज्यों में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि हम अक्सर मानते है कि अगर ह्रदय स्वस्थ है तो शरीर भी सेहतमंद होगा लेकिन यह एकमात्र कारक ही संपूर्ण सेहत का प्रतीक नहीं है। फेफड़ों की कार्यक्षमता हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करती है, जिसकी आमतौर पर अनदेखी की जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर का मरीज नियमित रूप से अपना बीपी चौक करता है, इससे उसे अपने बीपी के स्तर को मैनेज करना आसान हो जाता है। ठीक इसी तरह से अस्थमा के रोगियों को भी अपने फेफड़ों को चौक करते रहने की जरूरत है। नियमित रूप से चौकअप करने से आपको अपने फेफड़ों की क्षमता यानि कि नो यूअर लंग नंबर पता चलेगा। इस नंबर को बेहद ही किफायती और साधारण टेस्ट जैसे स्पाइरोमिट्री टेस्ट या पल्मोनेरी टेस्ट से जाना जा सकता है। डॉ वीरोत्तम तोमर ने कहा कि बच्चों में अस्थमा का महत्वपूर्ण लक्षण रात या सुबह जल्दी खांसी रहना है। कई तरह के खांसी के सिरप और अन्य दवाईयां लेने बावजूद खांसी का लगातर रहना अस्थमा का लक्षण हो सकता है।