मेरठ 11 जनवरी (प्र)। सरूरपुर में तैनात एएनएम मधु उर्फ मंजू मीरपुर गांव में अवैध रूप से ब्यूटी पार्लर की आड़ में अवैध गर्भपात केंद्र और डिलीवरी सेंटर चलती थी। जहां 2 दिन पहले दमगढी की रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री नईमा की मौत हो गई थी। इस प्रकरण में हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन ने एएनएम को निलंबित करते हुए सरूरपुर से हटाकर सरधना अटैच कर दिया था। इसी प्रकरण को लेकर मृतक के परिवार वालों ने एक तहरीर थाने और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देते हुए लापरवाही से जच्चा बच्चा को मारने का आरोप लगाते हुए एएनएम पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गुहार लगाई गई थी। लेकिन इस प्रकरण में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रोहटा डा. महक सिंह ने खेल करते हुए पीड़ितों की तहरीर को ही बदल दिया। मृतका के परिवार वालों ने अधिकारियों से शिकायत करते हुए एएनएम को बचाने और तहरीर बदलने के खेल की भी शिकायत की है। मृतका के परिवार वालों का आरोप है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने एएनएम मंजू उर्फ मधु को बचाने का पूरा प्रयास करते हुए मनमाफिक तहरीर लिखवाई है। इसे लेकर पीड़ित में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ भी आक्रोश बना हुआ है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ग्रामीणों के किए बयान दर्ज
निलंबित की गई एएनएम मंजू उर्फ मधु प्रकरण की जांच को लेकर बुधवार को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांति प्रसाद मृतक आंगनबाड़ी कार्यकत्री नईमा के घर पर पहुंचे। जहां उन्होंने हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवार वालों से बातचीत की और उनके बयान कलम बंद करते हुए मामले की जांच आगे बढ़ाई साथ ही पीड़ित परिवार वालों को न्याय के लिए भी आश्वासन दिलाया। इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांति प्रसाद ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जांच टीम बिल्कुल सही दिशा में काम कर रही है और विभागीय कार्रवाई अलग से की जाएगी।