मेरठ 12 अप्रैल (प्र)। साकेत आइटीआइ परिसर स्थित ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर के आटोमेशन का कार्य पूरा हो गया है। आने वाले दिनों में यहां बने अलग-अलग प्रकार के ट्रैक पर चार पहिया और दोपहिया वाहनों का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट के अलग-अलग पैरामीटर बनाए गए हैं। चार पहिया वाहन चलाने के टेस्ट में 11 पैरामीटर ऐसे हैं, जिनमें से किसी भी एक का पालन न करने पर आवेदक को टेस्ट में अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। वहीं छह पैरामीटर ऐसे हैं जिनके लिए अंक निर्धारित किए गए हैं। टेस्ट उत्तीर्ण करने के लिए कम से कम 60 अंक अनिवार्य हैं।
दोपहिया के लिए केवल चार अनिवार्य पैरामीटर हैं। इसमें अंक प्रणाली नहीं है। परिवहन विभाग के लिए मारुति सुजुकी कंपनी ने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फंड से पूरा ट्रैक बनाया है। इसे आटोमेटेड करने का कोई धनराशि कंपनी ने नहीं ली है। इसमें 16 कैमरे लगे हैं और दो सेंसर लगाए गए हैं। जो वाहन चालक की वाहन चलाने की दक्षता का मूल्यांकन करेंगे। जिसने ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए आवेदन किया है, वही परीक्षा दे रहा है या नहीं। इसके लिए फेस रिकगनिशन सिस्टम भी लगा है। दो बैरियर और ट्रैफिक लाइट भी लगाई गई हैं।
चार पहिया वाहनों के चालकों को तीन प्रकार के ट्रैक पर देना होगा टेस्ट
हैवी और लाइट मोटर व्हीकल (एचएमवी-एलएमवी) का लाइसेंस बनवाने वालों को चार प्रकार के ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। इसमें एक ट्रैक अंग्रेजी के 8 आकार का है दूसरा अंग्रेजी के एच आकार है। इसके अलावा एक ट्रैक चढ़ाव और ढलान का बनाया गया है। ट्रैफिक लाइट संबंधी प्रविधान भी टेस्ट में है।
ट्रैक के किनारे सफेद पट्टी है। इस कर्ब पर अगर वाहन का संपर्क होगा तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। तीनों ट्रैक पर वाहन चलाने का अलग-अलग समय निर्धारित है, अगर उससे अधिक समय चालक लेता है तो भी उसे असफल माना जाएगा। मानव रहित प्रक्रिया से होगा टेस्ट : मारुति सुजुकी कंपनी ने इस ट्रैक को कई वर्षों के अनुसंधान के आधार पर तैयार किया है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर सेवानिवृत्त मेजर तुषार जौहरी ने बताया कि यह पूरी मानव रहित टेस्ट प्रक्रिया है। वाहन जब ट्रैक में प्रवेश करेगा उसके बाद इसमें किसी कर्मचारी का कोई रोल नहीं होगा। कैमरे और सेंसर के माध्यम से आटोमेटेड प्रणाली तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि जब वाहन चालक टेस्ट देकर आएगा। तो उसका रिजल्ट कंप्यूटर निकाल कर देगा। जिसमें सफल या असफल घोषित किया जाएगा। बताया कि भारत में 80 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं चालक की कमी से होती हैं। इसलिए इस टेस्ट को डिजायन की किया गया है कि उसी को लाइसेंस मिले जो पूरी तरह दक्ष हो । संभागीय निरीक्षक राहुल शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया से टेस्ट होने से किसी तरह का पक्षपात होने की गुंजाइश नहीं होगी। बताया कि प्रदेश में इस तरह के 17 जनपदों में ट्रैक तैयार हो चुके हैं।
आरटीओ हिमेश तिवारी ने बताया कि कंपनी ने पूरा सिस्टम हैंडओवर कर दिया है। इसे अब एनआइसी से लिंक कराया जाएगा। जिसके बाद आटोमेटेड ट्रैक से वाहन चालकों का टेस्ट लिया जाएगा।
चार पहिया वाहनों को चलाने के पैरामीटर अति आवश्यक पैरामीटर
- परिसर में तेज गति से लापरवाही से वाहन चलाना • सीट बेल्ट बांधना
- ट्रैफिक लाइट का पालन करना एच फार्मेशन
- एक से अधिक कर्ब हिट की अनुमति नहीं
- सही रास्ते पर वाहन न चलाना
- टेस्ट का अधिकतम समय एलएमवी के लिए 150 और हेवी के लिए 210 सेकेंड 8 फार्मेशन
- एक से अधिक बार कर्ब हिट की अनुमति नहीं
- सही रास्ता का पालन करना
- एलएमवी के लिए 90 और एचएमवी के लिए 120 सेकेंड • उतार और चढ़ाव (ग्रेडियंट) पर • चढ़ाई पर दो लाइन के बीच रुकना
- अधिकतम समय एलएमवी और एचएमवी के लिए 90 सेकेंड नोट: इनमें से एक का भी पालन न करने पर टेस्ट में अयोग्य माना जाएगा।
अंक वाले पैरामीटर
पैदल यात्री क्रासिंग पर स्टाप लाइन से पहले
रुकना 20
एच फार्मेशन
रिवर्स की अनुमति चार बार 20
पांच सेकेंड से अधिक रुकने की अनुमति नहीं
10
8 फार्मेशन
रिवर्स की अनुमति नहीं 20
पांच सेकेंड से अधिक रुकने की अनुमति नहीं 10
चढ़ाई पर एक फिट से ज्यादा पीछे जाने की अनुमति नहीं 20
दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्यमानक
- हेलमेट पहनना ।
- कर्ब हिट की अनुमति नहीं ।
जमीन पर पैर स्पर्श नहीं करना है। - सही रास्ते का पालन करना है।