मेरठ 08 नवंबर (प्र)। जिले में आयकर भरने वाले भी गरीबों का राशन डकार रहे है। इनकी सूची सामने आने पर जिला पूर्ति विभाग ने सभी के राशन कार्डों को निरस्त कर दिया है। आयकर विभाग ने 17 हजार से अधिक कार्ड धारकों की सूची विभाग को भेजी थी, जिसके बाद कार्ड निरस्त किए जाने की कार्रवाई की गई। जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि हर साल आयकर, कृषि व अन्य विभागों से सूची मांगी जाती है। जिससे आधार कार्ड के जरिए मिलान किया जाता है।
जिले में 17,200 राशनकार्ड धारक अपात्र मिले है। यह आयकर दाता होने के बाद भी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से मुफ्त का राशन ले रहे थे। खाद्य एवं रसद विभाग की जांच में खुलासा होने पर इन कार्डों पर राशन देने से रोक लगाने के बाद उन्हें निरस्त भी कर दिया गया है। जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि लंबे समय से यह लोग गरीबों व पात्रों के हक का राशन डकार रहे थे। सूची आने पर आधार कार्ड से मिलान किया गया, तो खुलासा हुआ कि करीब 17, 200 लोग हर साल इनकम टैक्स भरते है। नियम अनुसार यह राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं है। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से आधार सीडिंग के बाद आयकर विभाग से सूची मांगी गई थी।
शुरू में कार्डों के मुखिया की जांच की गई बाद में कार्डों में शामिल सभी यूनिटों सदस्यों की पड़ताल हुई तो सच्चाई सामने आई। आधार से मिलान होने के बाद आयकरदाता व अन्य योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही मुफ्त राशन लेने वालों की पुष्टि हो गई। उन्होंने कहा कि हर साल आयकर, कृषि समेत अन्य विभागों से सूची मंगाई जाती है, जिनका आधार से मिलान कर अपात्रों के कार्ड निरस्त किए जाते है। जिला पूर्ति अधिकारी विनय सिंह ने कहा कि सभी आपूर्ति निरीक्षकों को सत्यापन कर संबंधित अपात्र के राशन कार्डों को निरस्त कर पात्रों को योजना का लाभ दिए जाने के आदेश जारी किए हैं।