Friday, November 22

पुरखों की विरासत बचाने को जैन समाज लामबंद, सभी मंदिरों के पदाधिकारियों की बुलाएंगे बैठक

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 08 नवंबर (प्र)। 100 साल पुरानी अपने पुरखों की विरासत पर किरायेदारों द्वारा कब्जे को लेकर जैन समाज आक्रोशित है। रेलवे रोड स्थित जैन धर्मशाला में गुरुवार शाम श्री प्रबंधकारिणी कमेटी दिगंबर जैन बिरादरी की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, प्रधान मंत्री सुरेंद्र कुमार जैन, उपाध्यक्ष अनिल जैन कक्कू, उप मंत्री प्रेमचंद जैन, कोषाध्यक्ष हंस कुमार जैन, धर्मशाला मंत्री प्रमोद कुमार जैन, प्रवीण कुमार जैन, विजय कुमार जैन एडवोकेट योगेश जैन, नितिन, किशन जैन, रमेंद्र जैन, विनोद जैन समेत जैन समाज के मुख्य पदाधिकारियों ने हाथों में फ्लैक्स लेकर विरोध प्रकट किया और पीड़ा व्यक्त की।

अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने कहा कि एक सदी पुरानी हमारे पुरखों की इस धर्मशाला को किरायेदार अपनी मिल्कियत मानने लगे हैं। धर्मशाला मौजूदा स्थिति में जर्जर हालत में पहुंच गई है। इसकी मरम्मत करानी है, लेकिन कुछ किरायेदार मनगढ़ंत बातें प्रसारित कर रहे हैं। इस मामले को लेकर जैन समाज पूरी तरह से गंभीर व संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि यह हमारी पुरखों की विरासत है और हमें इसे बचाना है। हम अपने पुरखों की विरासत को जरूर संरक्षित करेंगे। इसके लिए चाहे जो लड़ाई लड़नी पड़े।

बैठक में तय किया गया जारी किए फ्लैक्स को शहर के सभी मंदिरों पर विरोधस्वरूप लगाया जाएगा। फ्लैक्स पर लिखा गया है कि ‘100 साल पुरानी पुरखों की जैन धर्मशाला / मंदिर तीर्थंकर महावीर मार्ग पर किरायेदारों का कब्जा – जैन समाज आंदोलन के लिए तत्पर । महानगर के सभी जैन मंदिरों पर फ्लैक्स लगाकर जैन समाज अपना विरोध प्रकट करेगा। साथ ही सभी मंदिरों के अध्यक्ष व मंत्रियों की बैठक भी बुलाई जाएगी। जिसमें जैन समाज इस प्रकरण में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा । जरूरत पड़ी तो एक बड़ी पंचायत भी रखी जाएगी।

जर्जर हालत में धर्मशाला मरम्मत की दरकार
कमेटी के प्रधानमंत्री सुरेंद्र कुमार जैन व मंत्री प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि 100 साल पुरानी रेलवे रोड स्थित जैन धर्मशाला पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच गई है। कुछ दुकानों की छत टूट गई है। उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्था होने के नाते मंदिर समिति को यह कानूनी अधिकार है कि वह किसी भी किरायेदार से दुकान खाली करा सकती है। मंदिर व धर्मशाला समिति द्वारा अपने इस कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए वैध रूप से ही खाली कराने के नोटिस दिए गए। यह एक कानूनी व्यवस्था व प्रक्रिया है, जिसमें किरायेदार भी कानूनी रूप से अपने अधिकार का प्रयोग न्यायालय में कर सकते हैं। यह व्यवस्था एक्ट में दी गई है।

Share.

About Author

Leave A Reply