मेरठ 11 नवंबर (प्र)। अंतरराष्ट्रीय काल को लोकल काल में बदलकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले गिरोह के एक जालसाज को एटीएस से गिरफ्तार कर लिया। उसके दो साथी भागने में कामयाब हो गए। सभी आरोपित परीक्षितगढ़ में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे। परीक्षितगढ़ पुलिस को साथ लेकर एटीएस ने फर्जी एक्सचेंज का सारा सामान बरामद कर लिया। आरोपित खाड़ी देशों के अलावा पाकिस्तान और मालदीव की काल को मेरठ के एक्सचेंज में लैंड कराकर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे थे।
एटीएस के एसआइ राजीव त्यागी ने बताया कि परीक्षितगढ़ के बढ़ला- किठौर रोड पर राजा मोहल्ला में किराए के मकान में नूर मोहम्मद उर्फ शाकिब निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था। उसके साथ दिलशाद निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह मवाना और एक अन्य युवक भी काम करते थे। एटीएस की टीम ने पुलिस के साथ टेलीफोन एक्सचेंज पर छापा मारकर नूर मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया। वहां से एक लैपटाप, छह मोबाइल, पांच वाईफाई राउटर, बैंकों के दो डेबिट और क्रेडिट कार्ड, तीन सिम बाक्स और 342 सिमकार्ड बरामद किए।
एटीएस को यूपी और आसपास के राज्यों में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। एक्सचेंज के लिए इस्तेमाल होने वाले सर्वर की तलाश की गई तो सामने आया कि अवैध एक्सचेंज का संचालन हो रहा है। एटीएस ने दूरसंचार विभाग और टाटा टेली सर्विसेस के अधिकारियों को भी सूचना दी। फर्जी एक्सचेंज चलाने वाले एक आरोपित को दबोच लिया।
नूर मोहम्मद उर्फ शाकिब मात्र कक्षा चार पास होने के बावजूद फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था । परीक्षितगढ़ पुलिस ने नूर मोहम्मद को अदालत में पेश किया, तो न्यायिक अधिकारी ने भी यही सवाल किया। कक्षा चार पास होने के बाद टेलीफोन एक्सचेंज का सेटअप बनाने का काम कहां से सीख लिया। नूर मोहम्मद का जवाब था कि वह सिर्फ एक्सचेंज की रखवाली करता है। एटीएस की जांच में सामने आया कि नूर मोहम्मद और उसका साथी दिलशाद दोनों ने ही फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज तैयार किया है। नूर मोहम्मद ने एटीएस को बताया कि फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पूरा सिस्टम रिमोट पर चलता था। पूरे सर्वर को एक खास साफ्टवेयर के माध्यम से वह दिलशाद के साथ कंट्रोल करता था।