Monday, December 23

मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज का 97 साल की उम्र में निधन

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मुंबई 22 दिसंबर। आखिरकार अमृता प्रीतम और इमरोज की प्रेम कहानी का अंत आज हो ही गया। मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज भी दुनिया को अलविदा कह गए। आज 97 साल की उम्र में मुंबई में कांदिवली स्थित अपने आवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनकी करीबी और कवयित्री अमिया कुंवर ने की। अमिया के अनुसार, इमरोज पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहे, लेकिन 2 दिन पहले ही उन्हें घर लाया गया था, जहां आज उनका निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

लोकप्रिय कलाकार इंद्रजीत उर्फ इमरोज का निधन आज 22 दिसंबर दिन शुक्रवार को मुंबई में अंतिम सांस ली और वो बीते दिनों से बीमार चल रे थे और उनके करीबी ने उनके निधन की जानकादी दी है और साथ ही कवयित्री अमिया कुंवर ने Indian Express से कहा कि इमरोज कुछ दिनों से स्वास्थ समस्याओं से जूझ रहे थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गा और उन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा था, लेकिन वो इस दौरान अपने प्यार अमृता को हमेशा याद कररहे और हमेशा कहते थे कि अमृता है, यहीं है’. इमरोज ने भले ही आज यह दुनिया छोड़ दी है, लेकिन वे केवल अमृता के पास दूसरी दुनिया में गए हैं.

इमरोज और अमृा प्रीतम ने कभी शादी नहीं के लेकिन वो 40 साल तक एख साथ लिव इन रिलेशन में रहे. इमरोज और अमृता का नाम हमेशा साथ में लिया था और जोनों की कहानी सबसे अनोखी थी. इसके साथ ही अमृता प्रीतम ने अपनी आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ में साहिर लुधियानली के अलावा और इमरोज के बीच में रिश्तों के लिखआ था. इस किताब में अमृता ने अपने रिश्तों पर रोशनी ड़ाली थी. बता दें अमृता का निधन 31 अक्टूबर 2005 को हुआ था.

1926 में पाकिस्तान में जन्मे इमरोज का असली नाम इंद्रजीत सिंह था। उनका जन्म लाहौर से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में साधारण परिवार में हुआ था। अमृता के दुनिया से जाने के बाद से ही इमरोज गुमनामी का जीवन जी रहे थे। उन्होंने पिछले कुछ सालों से किसी से मिलना-जुलना बंद कर रखा था। अमृता अपनी एक किताब के कवर पेज के लिए डिजाइन तलाश रही थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात अमृता प्रीतम से हुई थी। इसके बाद बंटवारे के चलते दोनों पाकिस्तान से भारत आए और यही बस गए।

इमरोज ने जगजती सिंह की ‘बिरहा दा सुल्तान’ और बीबी नूरन की ‘कुली रह विच’ समेत कई सारे एलपी के कवर को डिजाइम किए थे. इमरोज ने अमृता प्रीतम के लिए कविताओं की एक पुस्तक भी लिखी थी- ‘अमृता के लिए नज्म जारी है’.इमरोज ने अमृता प्रीतम को लेकर एक कविता और लिखी है ‘संपूर्ण औरत

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