मेरठ 29 मई (प्र)। केन्द्र सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रयासों से आ रही संचार क्रांति के दौर में चिट्ठी पत्री का प्रचलन कम होने से डाक कर्मियों के सामने जो कठिन परिस्थिति उत्पन्न हो रही थी उन्हें व डाककर्मियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय आदि विभागों ने इन्हें बचत आदि के अन्य कार्य उपलब्ध कराकर इस विभाग का अस्तित्व बचाने का सफल प्रयास किया। लेकिन जिस प्रकार से डाक से जुड़े कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा मिलने वाली मौखिक खबरों के अनुसार बचत खाता खुलवाने व एफडी कराने वालों को परेशान किया जा रहा हैं। जिससे अब नहीं तो कुछ साल बाद अपने अस्तित्व को बचाने का संकट फिर उत्पन्न हो सकता है। क्योंकि एक तो नियमानुसार बचत खाते की समय सीमा पूरी हो जाने पर उसका पैसा रिलीज करने और एफडीआर रिलीज करने में कई प्रकार की कठिनाईयां उत्पन्न की जा रही हैं।
बताते है कि बीते दिनों वरिष्ठ अधिवक्ता इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अपनी पुत्री का बचत खाता की सीमा पूर्ण हो जाने पर समस्त कागजात लेकर डाक खाने पहुंचे जहां डाक अधीक्षक वर्मा द्वारा व्यवहार तो सही किया ही नहीं गया उनका पैसा रिलीज करने में भी कठिनाईयां उत्पन्न की जा रही हैं। इस संदर्भ में वहां मौजूद लोगों ने बताया कि वकील साहब की पुत्री का बचत खाता संचालित था शादी के बाद वो बाहर चली गई और बचत खाते की सीमा 15 साल पूरी हो जाने पर कुछ दिन पहले डाकखाने आई थी तब कैन्ट डाकखाने के अधीक्षक ने यह कहकर अभी कुछ दिन बाद रिलीज कर देंगे रकम। उन्हें वापस कर दिया। उस पर वो अपने बैंक का चेक व अन्य पत्रावलियां देकर चली गई और अब जब वकील साहब उन्हें लेकर रूपया रिलीज कराने पहुंचे तो डाक अधीक्षक ने अखड़ व्यवहार करते हुए उन्हें परेशान किया। जिस पर वो वापस चले गये। बचत खाते की रकम रिलीज हुई या नहीं यह तो पता नहीं चल पाया था। लेकिन कुछ लोगों का कहना था कि जिस दिन से खाता खुलवाया जाता है उस दिन से अवधि पूरी हो जाने के बाद का ब्याज रिलीज किया जाता है लेकिन मूल ब्याज नहीं और पूछने पर कहा जाता है कि यह डाकखाने में खुले बचत खाते में ही जमा होगा। सवाल यह उठता है कि जब समय अवधि पूरी हो गई तो मूल ब्याज खाते में क्यों नहीं डाला जा रहा।
बताते चले कि नागरिकों को हो रही ऐसी समस्याओं के चलते भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी द्वारा शहर घंटाघर स्थित बंद हुए डाकखाने को पुनः खुलवाने या कहीं और शुरू कराने के भरपूर प्रयास किये जा रहे है क्योंकि इसके बंद होने से अब कैन्ट डाकखाने में अपने काम को आने वाले लोगों की लाईन लगी रहती है अधिकारी व कर्मचारी ध्यान नहीं देते। जबकि हमारे पीएम नरेन्द्र मोदी जी और वित्त मंत्री भारत सरकार नागरिकों के बैंक और डाक खाने संबंधी वित्तीय कार्य जल्दी और समय से निस्तारित कराने के निर्देश दे चुके है और उच्चस्तरीय प्रयास भी कर रहे है। केन्द्रीय दूर संचार मंत्री दे ध्यान।
