Wednesday, November 12

समाज कल्याण विभाग के 4 अधिकारी बर्खास्त, 3 रिटायर्ड ऑफिसर्स की पेंशन कटी

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लखनऊ 10 नवंबर। प्रदेश की योगी सरकार ज़ीरो टोलरेंस की नीति को अपनाते हुए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर लगातार प्रहार कर रही है। इसी सिलसिले में समाज कल्याण विभाग ने रविवार को भ्रष्टाचार के आरोपी चार अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई करते हुए तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों के पेंशन कटौती का निर्देश दिया है। इनमें भ्रष्टाचार के कुछ मामले डेढ़ दशक से लंबित थे। आरोपियों में से तीन सेवानिवृत्त हो गए हैं। इनसे सरकारी रकम की वसूली के साथ पेंशन से स्थायी कटौती करने का निर्देश दिया गया है।

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण की निगरानी में हुई जांच के बाद आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। विभागीय मंत्री ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके तहत श्रावस्ती की तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव मार्च 2008 से 12 अप्रैल 2012 तक श्रावस्ती में तैनात रहीं।

उन पर तैनाती के दौरान मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के तहत प्राप्त आवेदन को बिना सक्षम स्तर से स्वीकृत कराये डाटा फीडिंग करने के आरोप हैं। उनकी छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि के गलत व्यय में शामिल होने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। तत्कालीन मथुरा समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी पर आरोप हैं कि तैनाती के दौरान निजी आईटीआई संस्थानों को अनियमित तरीके से छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर गंभीर वित्तीय अनियमितता की। 11 मान्यताविहीन संस्थानों को 2.53 करोड़ का भुगतान छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में गलत ढंग से किया। निजी आईटीआई संस्थानों द्वारा दो वर्ष आयु के बच्चों से 51 वर्ष तक की आयु वाले व्यक्तियों को आईटीआई में प्रवेश दिला धनराशि का गलत व्यय किया। उन्हें बर्खास्त कर 19.25 करोड़ वसूली के निर्देश हैं।

हापुड़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार ब्यास वित्तीय वर्ष 2012-13 में शासनादेश में दिए गए निर्देशों की अवहेलना करने के दोषी पाए गए हैं। हापुड़ में दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति की विभागीय वेबसाइट पर छात्र-छात्राओं के अपलोड विवरण में से सूची प्रिंट कर उसमें फ्ल्यूड लगा कर अभिलेखों में कूटरचना करते हुए छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की गई। उन्हें बर्खास्तगी के साथ 3.23 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश दिया गया है।

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