मेरठ 19 दिसंबर (प्र)। शहर में नाली, नालों के अक्सर चोक होने की समस्या से परेशान पार्षद एवं नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा उन डेरी संचालकों पर बडी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। जिनके द्वारा नाली व नालों में डेरी का गोबर बहाया जा रहा है। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नाली व नालों में गोबर बहाने वाले प्रत्येक डेयरी संचालक पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा।
उन डेरी संचालकों की सूची तैयार कराने का कार्य शुरू करा दिया गया है,जिनके द्वारा चेतावनी के बाद भी नालो में गोबर बहाना बंद नहीं कराया गया। शहर में एक हजार के पार डेरी की संख्या जा पहुंची है, वहीं अब डेरी संचालकों की शिकायतों की भरमार है।
वार्ड-22 गोलाबढ़ के पार्षद मदनपाल एवं वार्ड-36, वार्ड-85, वार्ड-86 के पार्षदों समेत अन्य कई पार्षदों के द्वारा उन डेरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिनके द्वारा चेतावनी के बाद भी नालों में गोबर बहाना बंद नहीं किया गया।
पूर्व में डेरी को शहर से बाहर भेजे जाने को लेकर कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन वह कार्रवाई डेरी संचालकों के द्वारा नालों में गोबर नहीं बहाने देने के आश्वासन के बाद ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी, लेकिन कुछ डेरी संचालकों ने तो सुधार किया या तो डेरी बंद कर दी या फिर अपनी डेरी के गोबर का डेरी से उठवाकर दूसरी जगह भिजाने का इंतजाम कर लिया, लेकिन अधिकतर डेरी संचालकों द्वारा अपने रवैय्ये में कोई सुधार नहीं किया गया। जिसके द्वारा पूर्व में भी डेरी का गोबर नालों में बहाए जाने का सिलसिला जारी रहा। पार्षद एवं सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि वह दिन रात सफाई व्यवस्था में मेहनत करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत को कुछ डेरी संचालक पलीता लगा रहे हैं। इधर नाला की सफाई का कार्य पूरा नहीं होता, उधर गोबर से अटकर नाले फिर से चोक हो जाने की समस्या बन जाती है। पार्षदों की शिकायत पर प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह ने डिपो प्रभारी के साथ सफाई निरीक्षक एवं सफाई सुपरवाइजरों को निर्देश जारी किए हैं कि उन डेरी संचालकों की सूची तैयार करें, जिनके द्वारा नालों में गोबर बहाया जा रहा है।