Friday, November 22

पीएम मोदी की मौजूदगी में काशी के विद्वान करेंगे रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, 17 से 22 जनवरी तक चलेगा मुख्य अनुष्ठान

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अयोध्या, 27 सितंबर। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को लेकर संशय ख़त्म हो गया. मंदिर के गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने की डेट फाइनल हो गई है. भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष निपेंद्र मिश्रा ने अपने एक इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया है कि 22 जनवरी को रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भी इस दिन की मंजूरी मिल गई है.

रामजन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा काशी के विद्वान करेंगे। गत 11 सितंबर को काशी के कर्मकांडियों का दल इस निमित्त रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण भी कर चुका है और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का संयोजन कर रहे रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों को आवश्यक व्यवस्था संबंधी निर्देश भी दे चुका है।

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए मुहूर्त का निर्धारण भी काशी के ही विद्वानों ने किया है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तो 15 से 24 जनवरी तक संयोजित है, लेक‍िन काशी के मूर्धन्य कर्मकांडी पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के उत्तराधिकारी पं. जयकृष्ण दीक्षित के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 17 से 22 जनवरी के बीच संपन्न होगा और इसका आरंभ राम मंदिर के ईशानकोण पर स्थित उस स्थल पर पूजन से होगा, जहां कभी फकीरेराम मंदिर था।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार, कांची के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव की महत्ता के अनुरूप काशी के विद्वानों को इस कार्य के लिए प्रेरित किया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वानों के दल में दो वर्ग होंगे। इसमें एक वर्ग ज्योतिषियों का होगा, जिसका नेतृत्व प्रख्यात ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करेंगे। जबकि दूसरा वर्ग कर्मकांडियों का होगा, जिसमें लक्ष्मीकांत दीक्षित की शिष्य मंडली शामिल होगी।
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अन्य अनुष्ठानों के माध्यम से भी रामलला के प्रति अनुराग अर्पित होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की ही प्रसन्नता में दिग्गज संत एवं शीर्ष कथा व्यास स्वामी रामभद्राचार्य का प्रवचन प्रस्तावित है। वह 14 से 22 जनवरी के बीच बड़ा भक्तमाल मंदिर के परिसर में रामकथा पर आधारित प्रवचन करेंगे।

शशिकांत दास ने कहा कि भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के साथ ही पूरे विश्व में वातावरण राम मय रहेगा. तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि यह शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में बहुत दिन से राम भक्त थे. सभी राम भक्तों के लिए इससे बड़ी कोई खुशी हो ही नहीं सकती. 22 जनवरी को रामलला दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे. यह क्षण अद्भुत होगा.

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