मेरठ 11 सितंबर (प्र)। नगर निगम के सभी 90 वार्डों में बढ़े गृहकर के बिल अब निरस्त होंगे। वहीं नामांतरण शुल्क अधिकतम 10 हजार रुपये ही लिया जाएगा, साथ ही जिस वार्ड से गृहकर की अधिक वसूली होगी, वहां विकास कार्य अधिक होंगे।
बुधवार को विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में मेयर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता में नगर निगम की बोर्ड बैठक हुई। बैठक के प्रारंभ में ही पार्षदों ने गृहकर के बढ़े बिलों का मामला उठाया। पार्षदों ने कहा कि जब बोर्ड और कार्यकारिणी ने जीआईएस सर्वे को निरस्त कर दिया है तो बिल बढ़ा हुआ क्यों आ रहा है। मेयर ने भी कहा कि इस तरह जनता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। सर्वसम्मति से बढ़े बिलों को निरस्त कर दिया गया। इससे शहर के ढाई लाख से अधिक भवन स्वामियों को लाभ होगा।
नामांतरण शुल्क को लेकर दी राहत
इसके साथ ही बोर्ड में संपत्तियों के नामांतरण शुल्क के शासन के प्रस्ताव को रखा गया, जिसमें न्यूनतम 1000 और अधिकतम 10,000 रुपये कर दिया गया। बोर्ड ने सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया। अब गजट अधिसूचना जारी होते ही वसूली प्रारंभ कर दी जाएगी। इस बीच बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के विकास की बात हुई तो बताया गया कि शहर में बहुत सारे वार्ड हैं, जहां गृहकर की बहुत कम वसूली हो रही है। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कई वार्डों की रिपोर्ट रखी। इस पर मेयर ने कहा कि बोर्ड सहमत हो तो जिस वार्ड में अधिक वसूली हो, वहां अधिक विकास कार्य कराए जाएं। सपा, एआईएमआईएम सदस्यों के विरोध के बीच प्रस्ताव पास हो गया।
सफाई कर्मचारियों ने फिर किया हंगामा
नगर निगम बोर्ड बैठक शुरू होने से पहले ही सफाई कर्मचारी हंगामा करने पहुंच गए। सफाई मजदूर कर्मचारी संघ अध्यक्ष विनेश मनोठिया ने सरकार द्वारा गठित आउटसोर्सिंग बोर्ड के गठन का विरोध किया और कहा कि उन्हें यह मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करेंगे और आउटसोर्स व्यवस्था खत्म करने के लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे।
बैठक में ये मामले भी उठे
पार्षद आशीष चौधरी ने लोहियानगर कूड़े के पहाड़, पार्षद निरंजन सिंह ने पावली स्टेशन के पास पानी की सप्लाई, पार्षद नरेश सैनी ने तालाबों के अतिक्रमण, पार्षद दीपक वर्मा ने ई-आफिस, पार्षद अरुण मचल ने ओडियन नाले की गंदगी, पार्षद सुनीता प्रजापति ने सोतीगंज में गंदगी का मामला उठाया। फजल करीम, कहकशां, पूनम गुप्ता, रिजवान अंसारी आदि ने आवारा पशुओं समेत कई विषयों को उठाया।
स्ट्रीट लाइट का हिसाब मांगने पर उलझ गए अफसर
बोर्ड बैठक में स्ट्रीट लाइटों का हिसाब मांगने के मामले में निगम अधिकारी, इंजीनियर और बाबू उलझ गए। पार्षद अनुज वशिष्ठ ने कहा कि करीब 11 माह पहले नगर निगम ने एक साल के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया था। अनुबंध 57 हजार स्ट्रीट लाइटों का था, जबकि ईईएसएल कंपनी ने एक साल पहले 72 हजार लाइटों का ब्योरा दिया था। 15 हजार लाइटें कहां गई। सच्चाई है कि शहर में अब 90 हजार से अधिक लाइटें हो गई हैं। 30 हजार से अधिक खराब हैं। पार्षद सुमित शर्मा, राजीव काले, पंकज गोयल, अनिल वर्मा ने महानगर में हो रहे अंधेरे को लेकर जल्द ही सभी पार्षदों के लिए 50-50 लाइट की व्यवस्था कराने की मांग की। स्ट्रीट लाइटों को लेकर जवाब देने में सभी उलझ गये।
शहर के नौ चौराहे बनेंगे मॉडल चौराहे
मेरठ के नौ चौराहे अब मॉडल चौराहे बनने जा रहे हैं। इन चौराहों का सौंदर्यीकरण इंदौर और बंगलूरू की तर्ज पर होगा। सांसद अरुण गोविल ने शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रस्ताव दिया था, जिसे मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने नगर निगम की बोर्ड बैठक में विचार के लिए रखा और बोर्ड ने इसे पास कर दिया गया। मेयर ने बताया कि नौ चौराहे शहर के सौंदर्यीकरण में मिल का पत्थर साबित होंगे। करोड़ों रुपए से इन चौराहों की सूरत बदली जाएगी। इस प्रस्ताव के तहत तेजगढ़ी चौराहा, हापुड़ अड्डा चौराहा, पल्लवपुरम सहित नौ चौराहों का सौंदर्यीकरण कर शहर को स्मार्ट बनाने की बात कही गई। चौराहों पर टीम जाकर निरीक्षण करेगी और फिर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।