शिमला 08 नवंबर । हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के खिलाफ कारोबारी निशांत शर्मा की लिखित शिकायत पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इससे पहले डीजीपी संजय कुंडू कारोबारी निशांत शर्मा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवा चुके हैं.
दरअसल, 5 नवंबर को कारोबारी निशांत शर्मा ने डीजीपी संजय कुंडू को एक मेल किया था. इस मेल में कारोबारी निशांत शर्मा ने डीजीपी से पूछा था कि उन्हें उनका नंबर कहां से मिला और उन्होंने कारोबारी को शिमला आने के लिए क्यों कहा? इसी के खिलाफ डीजीपी संजय कुंडू ने मानहानि का मुकद्दमा दायर किया. डीजीपी संजय कुंडू ने इसे उनकी छवि को खराब करने वाला बताया.
29 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू को उनकी आधिकारिक ई-मेल पर एक मेल आया. इसमें 25 अगस्त को गुरुग्राम में आरोपी निशांत शर्मा ने उनपर हुए जानलेवा हमले का जिक्र किया. इसमें दो लोगों पर आरोप लगाए गए थे. ईमेल भेजने वाले निशांत शर्मा पालमपुर के रहने वाले हैं. कारोबारी ने धर्मशाला में प्रेस वार्ता कर यह आरोप लगाए थे कि डीजीपी संजय कुंडू से बात करने के लिए उन पर डीएसपी और एसएचओ में दबाव बनाया.
निशांत शर्मा ने कहा कि इसके बाद जब उन्होंने डीजीपी कार्यालय में फोन किया तो संजय कुंडू ने उन्हें शिमला आने के लिए कहा. कारोबारी निशांत शर्मा ने अपनी काम की व्यवस्तता के चलते शिमला आने में असमर्थता जाहिर की. इसके बाद संजय कुंडू ने कथित तौर पर उन्हें कहा कि उन्हें शिमला आना ही होगा.
कारोबारी निशांत शर्मा ने बताया कि जब वह घर आए, तो उन्होंने इस बारे में शांति से सोचा और फिर जागरूक नागरिक होने के नाते डीजीपी से यह सवाल किया. उन्होंने डीजीपी से सवाल किया था कि आखिर उन्हें जब भी जानते नहीं, तो नंबर कहां से मिला? उन्हें शिमला आने के लिए क्यों कहा जा रहा है? उन्होंने शिमला के एसपी को भी पत्र लिखकर मामला दर्ज करने के लिए कहा था.
इस संबंध में निशांत शर्मा ने शिमला के एसपी को नोटिस तक भिजवा दिया था. कारोबारी निशांत शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बताया था कि गुरुग्राम में उन पर जब हमला हुआ, तो उन पर मामला वापस लेने का दबाव बनाया गया. मैक्लोडगंज में भी बाइक सवारों ने उन्हें मामला वापस लेने का दबाव बनाया था.